भोपाल। लॉकडाउन के दो महीने बीतने के बाद भी मजदूरों का पालन लगातार जारी है. महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश एवं बिहार जाने वाले मजदूर भारी संख्या में बड़ी बिजासन (सेंधवा) से मध्यप्रदेश की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं. जिन्हें मप्र सरकार द्वारा सीमावर्ती राज्य की सीमा तक फ्री में भेजा जा रहा है. जिसके चलते 12 मई से अभी तक 1653 बसों से 74 हजार 385 श्रमिकों को राज्य की सीमा तक भेजा गया. इसी कड़ी में बुधवार को 302 बसों के माध्यम से 13 हजार से अधिक श्रमिकों को उनके गंतव्य की ओर रवाना किया गया है. इस दौरान मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाने के साथ ही उनके भोजन, पानी और मास्क की व्यवस्था भी की गई है.
कोरोना काल में मजदूरों का पलायन जारी, 1653 बसों से 74 हजार 385 श्रमिकों को भेजा गया उनके राज्य - मजदूरों का पलायन
मप्र सरकार द्वारा सीमावर्ती राज्य की सीमा तक मजदूरों को फ्री में भेजा जा रहा है. 12 मई से अभी तक 1653 बसों से 74 हजार 385 श्रमिकों को उनके राज्य की सीमा तक भेजा गया है. पढ़िए पूरी खबर...
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सरकार के मुताबिक कोरोना संकट के दौरान विभिन्न प्रदेशों में फंसे 4 लाख 63 हजार अब तक प्रदेश में वापस लाए गए हैं. अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम आईसीपी केशरी ने जानकारी दी है कि 107 ट्रेनों से करीब एक लाख 35 हजार और सड़क मार्ग से लगभग 3 लाख 28 हजार श्रमिक वापस आएं हैं. केशरी ने बताया कि 20 मई तक गुजरात से एक लाख 93 हजार, राजस्थान से एक लाख, महाराष्ट्र से एक लाख 7 हजार श्रमिकों के साथ ही गोवा, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, केरल आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु एवं तेलंगाना से भी श्रमिक वापस आए हैं.
केशरी ने बताया है कि अब तक 125 ट्रेनों का की मांग भेजी गई है. जिसमें से 20 मई को सात, 21 मई को 6 ट्रेन विभिन्न स्थानों पर आई हैं. वहीं अभी-तक महाराष्ट्र से 32, गुजरात से 27, हरियाणा से 16, तेलंगाना से 7, पंजाब से 5, कर्नाटक से 3, गोवा से 3, केरल, राजस्थान और दिल्ली से दो-दो तथा तमिलनाडु एवं जम्मू से एक-एक ट्रेन आ चुकी है. इसके साथ ही प्रदेश की सीमा पर आ रहे अन्य प्रदेशों के श्रमिकों को बस से उत्तरप्रदेश की सीमा तक पहुंचाने के लिये आज से 850 बसें और लगा दी गई हैं.