भोपाल।प्रदेश की सत्ता में वापसी के साथ ही बीजेपी को लगातार कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. क्योंकि प्रदेश में 23 मार्च को सीएम शिवराज सिंह चौहान के द्वारा शपथ ली गई थी और 24 मार्च से ही प्रदेश भर को कोरोना वायरस के चलते पूरी तरह से लॉकडाउन कर दिया गया था. उसके बाद से ही लगातार सरकार को राजस्व की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, यहां तक कि सरकार को व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए अतिरिक्त कर्ज भी लेना पड़ा है. राज्य के राजस्व संग्रहण में संभावित कमी को अब पूरा करने के लिए प्रदेश सरकार ने पेट्रोल डीजल पर एक रुपए का अतिरिक्त कर लगाने का निर्णय लिया है.
राजस्व की कमी के कारण की गई पेट्रोल एवं डीजल के दामों में वृद्धि
प्रदेश में पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त कर को लेकर वाणिज्य कर विभाग के उप सचिव एसडी रिछारिया के द्वारा शासकीय केंद्रीय मुद्रणालय नियंत्रक को इस बारे में आदेश जारी कर बताया गया है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के कारण राज्य के राजस्व संग्रहण में संभावित कमी की भरपाई के लिए पेट्रोल और डीजल पर मौजूदा टैक्स के साथ अतिरिक्त कर की दर में वृद्धि की जा रही है.
पेट्रोल डीजल में कर बढ़ाने के लेकर लिखे पत्र की प्रति पेट्रोल, डीजल में हुई 1-1 रुपए की वृद्धि
मध्यप्रदेश वैट अधिनियम 2002 क्रमांक 20 सन 2002 की धारा 9 क( क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार के द्वारा विभाग की अधिसूचना जो 5 जुलाई 2019 में जारी की गई थी उसमें संशोधन किया गया है. कोरोना संबंधी व्यवस्थाओं के लिए पेट्रोल और डीजल के मौजूदा अतिरिक्त कर में एक-एक रुपए की वृद्धि कर दी गई है. वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक ये बढ़ोत्तरी 13 जून यानि आज से लागू हो जाएगी. वैट टेक्स पेट्रोल एवं डीजल के दामों में एक-एक रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की जाएगी.
कोरोना काल में प्रदेश के सामने खड़ी कई चुनौतियां
पहले पेट्रोल पर अतिरिक्त कर 3.50 रुपए और डीजल पर अतिरिक्त कर 2 रुपए था. वृद्धि के बाद अब पेट्रोल पर अतिरिक्त कर 4.5 रुपए और डीजल पर अतिरिक्त कर तीन रुपए हो जाएगा. इस अतिरिक्त कर में वृद्धि से पेट्रोल पर 200 करोड़ रुपए और डीजल पर करीब 370 करोड़ रुपए प्रति वर्ष राज्य सरकार को अतिरिक्त राजस्व मिलने का अनुमान है. बता दें कि सरकार के सामने कोरोना काल में कई चुनौतियां खड़ी हो चुकी हैं, क्योंकि कोविड-19 संक्रमण के चलते प्रदेश भर में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर करोड़ों रुपए खर्च हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर किसानों की फसल की खरीदी का काम भी लगातार जारी है. इसके अलावा विभिन्न योजनाओं को भी लगातार सरकार के द्वारा अनुदान दिया जा रहा है.
कई कामों को पूरा करने के लिए लगाया गया अतिरिक्त कर
प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने के साथ ही मनरेगा और संबल योजना का काम भी शुरू हो चुका है. इसके अलावा प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को देखते हुए भी सरकार सभी जिलों में विकास के कार्य तेजी से शुरू कर रही है. मानसून भी लगभग शुरू होने को है और उससे पहले सड़कों के रख-रखाव पर भी काम किया जाना है. इन सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए अतिरिक्त रूप से राजस्व की कमी महसूस की जा रही है, यही वजह है कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर अतिरिक्त कर लगाया है.