भोपाल। प्रदेश के बजट के पहले राज्य सरकार एक बार फिर 3 हजार करोड़ का कर्ज लेने जा रही है. मौजूदा वित्तीय वर्ष में यह 9वां मौका है, जब सरकार कर्ज ले जा रही है. इसके साथ ही सरकार इस साल कर्ज लेने का आंकड़ा 17 हजार करोड़ पर पहुंच जाएगा. राज्य सरकार ने पिछली 25 जनवरी को भी 2 हजार करोड़ का कर्ज लिया था. उधर लगातार कर्ज लिए जाने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि वित्तीय कुप्रबंधन के चलते ही प्रदेश पर 3 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो गया है.
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10 साल के लिए ले रही कर्ज: राज्य सरकार 7 फरवरी को रिजर्व बैंक के माध्यम से सिक्योरिटीज को मॉर्डगेज रखकर यह कर्ज लेगी. यह कर्ज सरकार 10 साल के लिए ले रही है. सरकार यह कर्ज 2033 तक चुकाएगी. इस दौरान सरकार ब्याज का भुगतान भी करेगी. पिछले 13 दिनों में यह दूसरा मौका है, जब सरकार बाजार से कर्ज उठा रही है. इसके पहले 25 जनवरी को राज्य सरकार ने 2 हजार करोड़ का कर्ज लिया था. मौजूदा वित्तीय वर्ष की बात करें तो इस साल राज्य सरकार अभी तक 14 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है और 3 हजार करोड़ के बाद यह कर्ज बढ़कर 17 हजार करोड़ का पहुंच जाएगा.
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2 लाख 95 हजार करोड़ हुआ कर्ज:मध्यप्रदेश पर कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है. 31 मार्च 2022 की स्थिति में प्रदेश पर कर्ज बढ़कर 2 लाख 95 हजार 532 करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है. इसमें से बाजार से सरकार ने 1 लाख 74 हजार 373 करोड़ का कर्ज उठाया है. इसके अलावा वित्तीय संस्थाओं से 12 हजार 158 करोड़, केन्द्र सरकार से एडवांस लोन के रूप में 44 हजार 675 करोड़, अन्य देनदारियां 22 हजार 208 करोड़ और नेशनल स्मॉल सेविंग के रूप में केन्द्र सरकार की 34 हजार 756 करोड़ की देनदारी है. उधर प्रदेश पर बढ़ रहे लगातार कर्ज को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साध रही है. कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता अजय यादव ने आरोप लगाया है कि सरकार के पास कोई वित्तीय प्रबंधन नहीं है. सत्ता में बने रहने के लिए जमकर पैसा लुटाया जा रहा है.