भोपाल। मध्य प्रदेश में कोरोना के दौरान अपने माता-पिता को गंवाने वाले बच्चों के लिए अब राज्य सरकार अभिभावकों की भूमिका निभा रही है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोविड-19 से कई परिवारों में बच्चों के माता-पिता की मौत हो गई. ऐसे प्रभावित परिवारों के बच्चों के लिये राज्य सरकार अभिभावक की भूमिका निभा रही है. सीएम ने बताया कि यह योजना 21 मई को शुरू की गई थी. योजना के अंतर्गत अभी तक 597 बाल हितग्राहियों को आर्थिक एवं खाद्य सुरक्षा प्रदान की गई है. साथ ही राज्य सरकार इनकी पढ़ाई का खर्चा भी उठा रही है.
राज्य सरकार उठा रही है जिम्मेदारी
इस योजना के तहत हर हितग्राही और उसके संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अर्न्तगत निःशुल्क मासिक राशन दिया जाएगा. इसके अलावा बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी. 9वीं के बाद निजी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को 10 हजार रुपए प्रतिवर्ष की सहायता दी जाएगी. इसके अलावा राज्य सरकार ने इन बच्चों की उच्च शिक्षा की भी जिम्मेदारी ली है.
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किन जिलों में कितने बच्चे ?
मुख्यमंत्री कोविड-19 बाल सेवा योजना में झाबुआ जिले में 2, अलीराजपुर में 15, खण्डवा में 25, बुरहानपुर में 9, मंदसौर में 29, उज्जैन में 9, आगर में 8, ग्वालियर में 39, दतिया में एक, अशोकनगर में 2, मुरैना में 7, रीवा में 3, सीधी में 6, सिंगरौली में 4, उमरिया में 2, शहडोल में 4, टीकमगढ़ में 14, छतरपुर में 8, सागर में 8, विदिशा में 6, बैतूल में 15, जबलपुर में 15, नरसिंहपुर में 10, छिंदवाड़ा में 15, देवास में 32, रतलाम में 22, राजगढ़ में 15, पन्ना में 16, बालाघाट में 28, नीमच में 6, शाजापुर में 9, सिवनी में 18, रायसेन में 7, हरदा में 9, धार में 14, शिवपुरी में 14, भोपाल में 18, इंदौर में 25, निवाड़ी में 5, सतना में 23, बड़वानी में 8, अनूपपुर में 7, गुना में 7, कटनी में 7, दमोह में 8, सीहोर में 9, भिण्ड में 11, खरगोन में 5, मण्डला में 4, श्योपुर में 3 और होशंगाबाद जिले में 11 बाल हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है.