भोपाल।एमपी देश का ऐसा राज्य होगा जो इंडस्ट्रीयल ग्रोथ का नया डेस्टीनेशन बनेगा. ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट की शुरुआत के पहले ही 10 हजार करोड़ के निवेश के प्रस्ताव आ चुके हैं. ऐसी संभावना है कि, 2 दिन की ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 55 हजार करोड़ से अधिक का निवेश मध्यप्रदेश में आएगा. निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल बनाने की शुरुआत पहले से ही हो गई है. सबसे बड़ी जरुरत यही है कि, निवेशकों को माहौल दिया जा सके. उद्योग स्थापित करने की मंशा से मध्यप्रदेश आ रहे इन्वेस्टर्स के सामने मंजूरी से लेकर उद्योग की स्थापना तक सिस्टम की दिक्कतें ना आएं. लिहाजा पूरी सिस्टम में उसी ढंग से कसावट की गई है. मध्यप्रदेश देश का पहला और इकलौता ऐसा राज्य है जहां 30 दिन की छोटी सी मियाद में बड़े से बड़ा उद्योग स्थापित किया जा सकता है. निवेशकों के लिए सिंगल विंडो सिस्टम बनाया गया है. ताकि उद्योग के लिए जरुरी सेवाएं निवेश करने जा रही कंपनी को 30 दिन के भीतर उपलब्ध हो सकें.
300 उद्योगपतियों से सीएम का वन टू वन:सीएम शिवराज ने उस उद्योगपति की निगाह से समिट को समझा जो मध्यप्रदेश में अपना उद्योग लगाने शंका और सवालों के साथ आएगा. उसी के मुताबिक इस समिट में निवेशकों से चर्चा का पूरा खाका खींचा गया है. निवेशक के जहन में उठे हर सवाल का जवाब देने यूं पूरी सरकार मुस्तैद है. पूरे समय प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी से लेकर विभागीय मंत्रियों तक की मौजूदगी इंवेस्टर्स समिट में रहेगी, लेकिन सबसे अहम बात ये कि समिट के दौरान करीब 300 उद्योगपतियों से सीधे सीएम शिवराज समाधानों के साथ संभावनाओं पर चर्चा करेंगे. उद्योग लगाने प्रदेश में बनाया गया मुफीद माहौल नतीजे दे रहा है. सीएम शिवराज की विश्वसनीयता का असर ही कहा जाए इसे कि, 4 हजार निवेश प्रस्तावों को समिट के दौरान ही मंजूरी मिलना तय माना जा रहा है.