भोपाल। बेरोजगारी के मुद्दे पर सड़कों पर धरने प्रदर्शन आपने खूब देखें होंगे. लेकिन कोई ऐसा अभियान देखा है जिसमें बेरोजगारी की समस्या के साथ उसके समाधान का फार्मूला भी सुझाया जाए. कोरोना के बाद बढती बेरोजगारी से निपटने लेखक विचारक भास्कर राव रोकड़े ने यही किया. वे बाकायदा उन फार्मूलों के साथ आए हैं कि कैसे बेरोजगारी को समय रहते संभाला जा सकता है. भास्कर राव के मुताबिक फामूला 58 इसमें सबसे ज्यादा कारगर.
यह है 58 फार्मूला:भास्कर राव रोकड़े के शोध परक अध्ययन के बाद जो फार्मूला 58 दिया है. उसके हिसाब से अगर सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल कर दी जाए. तो करीब पांच लाख 30 हजार पद खाली होंगे. जिन पर एक जनवरी 2024 से 31 जनवरी जुलाई 2024 के बीच ये नियुक्तियां की जा सकती हैं. भास्कर राव कहते हैं रास्ता जो हैं उसी में से निकालना पड़ेगा.
MP में बेरोजगारी से निपटने का फार्मूला 58, जानें कैसे बढ़ेगा रोजगार - कोरोना के बाद बढ़ी बेरोजगारी
जब देश दुनिया कोरोना के शरीर पर साइड इफेक्ट पर रिसर्च कर रही थी. तब एक शख्स थे तो जिस महामारी के समाज पर पड़े असर का अध्ययन कर रहे थे. (Unemployment increased after Corona) लेखक विचारक भास्कर राव रोकड़े ने कोरोना के बाद बढ़ी बेरोजगारी का शोधपरक अध्ययन किया और नतीजे में फार्मूला 58 दिया. (MP Emplyment Formula) भास्कर राव को भरोसा है कि बेरोजगारी से निपटने में फार्मूला 58 कारगर रहेगा.
बंद की जाए आउटसोर्सिंग:भास्कर राव रोकड़े के अध्ययन के मुताबिक प्रदेश में नौ लाख 80 हजार पदो पर आउट सोर्स कर्मचारी हैं. और दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि सर्विसप्रोवाइडर कंपनियां मेन पॉवर की सप्लाई कर रही हैं. भास्कर राव का कहना है कि आउट सोर्सिंग पूरी तरह से बंद की जानी चाहिए और इसकी जगह नियमित नियुक्तियां की जानी चाहिए. इसी तरह से प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारोयं को सरकारी कर्मचारियों के समान वेतन दिलाने एमपी में न्यूनतम वेतन अधिनियम की व्यवस्था की जाए. भास्कर राव का कहना है कि प्राइवेट और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में भी शिफ्ट ड्यूटी अधिकतम 8 घंटे की तय की जाए. प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियो को न्याय दिलाने प्लेसमेंट डिपार्टमेंट स्थापित किए जाए.
बेरोजगारी की समस्या को लेकर कांग्रेस का केंद्र सरकार के खिलाफ हल्लाबोल
2024 में बड़े आंदोलन की तैयारी: भास्कर राव ने कहा कि हम एक जनवरी 2024 को युवा दिवस मनाएंगे और देश में पहली बार पांच लाख युवा संकल्पित संगठित होकर बेरोजगारी के मुद्दे पर सामने आएंगे. इसके पहले प्रदेश में समय्क यात्रा निकाली गई थी. इस अभियान की शुरुआत रीवा से दो मई को की गई थी. दिसम्बर मे ये यात्रा भोपाल में खत्म हुई.