भोपाल। केंद्र सरकार की ओर से कर्मचारियों को 5 फीसदी महंगाई भत्ता दिए जाने के बाद मध्यप्रदेश के कर्मचारी संगठन भी केंद्र की तर्ज पर महंगाई भत्ते की मांग कर रहे हैं, जबकि खराब आर्थिक स्थिति से गुजर रही मध्यप्रदेश सरकार का वित्त विभाग तीन फीसदी महंगाई भत्ता अपने कर्मचारियों को देना चाह रहा है, लेकिन अब कमलनाथ सरकार पर दबाव बढ़ रहा है कि प्रदेश के कर्मचारियों को पांच फीसदी महंगाई भत्ता दें.
कर्मचारी संघ ने उठाई महंगाई भत्ते की मांग कमलनाथ सरकार ने अपने वचन पत्र में वादा किया था कि प्रदेश के कर्मचारियों को केंद्र सरकार की तरह महंगाई भत्ता दिया जाएगा. कर्मचारी संगठनों ने सरकार को एक हफ्ते की मोहलत दी है कि वह केंद्र की तरह प्रदेश के कर्मचारियों को 5 फीसदी महंगाई भत्ता नकद और जुलाई माह से देना शुरू करें, नहीं तो कर्मचारी आंदोलन की रणनीति पर काम करेंगे.
केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के डीए में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी जुलाई माह लागू की है. अक्टूबर में बढ़े हुए भत्ते के साथ तीन महीने का एरियर भी दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता 5 प्रतिशत बढ़ाने की मंजूरी दी है. अब ये 12 से बढ़कर 17 प्रतिशत हो गया है. डीए में बढ़ोत्तरी जुलाई से लागू होगी, यानि कर्मचारियों और पेंशनरों को तीन महीने का एरियर मिलेगा. केंद्र सरकार की ये डीए अब तक की सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी है.
वहीं मध्यप्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदेश के कर्मचारियों को भी केंद्रीय कर्मचारियों के समान जुलाई से 5 प्रतिशत महंगाई भत्ता एमपी के कर्मचारियों को भी दिया जाए. मध्यप्रदेश शासन के वित्त विभाग ने प्रदेश के कर्मचारियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ते की बढ़ोतरी का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यमंत्री की सहमति के लिए भेजा है. जिसका कर्मचारी संगठन विरोध कर रहे हैं.