भोपाल। मध्य प्रदेश में इस बार संघ ने सीधे तौर पर चुनाव की कमान अपने हाथ में ले ली है. यही वजह है कि एक ओर संघ के राष्ट्रीय नेता मप्र के ताबड़तौर दौरे कर चुनावी प्लानिंग में जुटे हुए हैं. तो वहीं, संघ और अनुशांगिक संगठन चुनाव के ठीक पहले युवाओं में पैठ पढ़ाने के लिए उन्हें राष्ट्रवादी बनाने के लिए ट्रेनिंग दे रहा है. इधर कांग्रेस युवाओं की इस ट्रेनिंग को नाजायज ठहरा रही है. कांग्रेस नेता भूपेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि ''संघ युवाओं का ब्रेन वाश कर कट्टरवाद का पाठ पढ़ा रहा है.''
PM मोदी की नीतियों की सराहना कर रहा संघ:खासबात ये है कि भले ही सीधे तौर पर संघ पीएम मोदी के राष्ट्रवादी एजेंडे की तारीफ नहीं कर रहा है, लेकिन जो केंद्र की नीतियां हैं, उनको जरूर संघ लोगों को बता रहा है. ट्रेनिंग कैंप में राष्ट्रवाद का एजेंडा केंद्र बिंदु है, अखंड भारत का कॉन्सेप्ट बताया जाता है, और कैसे भारत फिर विश्व में अपनी पैठ बढ़ा रहा है, ये भी संघ थिंक टैंक ड्राफ्ट तैयार कर इसको जन अभियान बना रहा है. संघ का खास फोकस युवाओं पर है. प्रदेश में 32 फीसदी से ज्यादा युवाओं की आबादी है. संघ का मानना है कि ये पीढ़ी पाश्चात्य संस्कृति की तरफ आकर्षित है, लेकिन यदि इस आबादी को हमारा गौरवशाली इतिहास और अखंड भारत के बारे में विस्तृत बताया जाए और साथ ही जिस तरह से भारत विश्व की आर्थिक शक्ति बनते जा रहा है, इन सब चीजों से युवा अपनी मातृभूमि के प्रति आकर्षित होगा और उसका लगाव भी बढ़ेगा. मकसद सीधा ये है कि उसकी मानसिक सोच राष्ट्रवादी होगी और इस सोच के साथ जब वो अपने वोट का इस्तेमाल करेगा तो उसी पार्टी को देगा जो राष्ट्रवादी सोच की होगी.
विधानसभा चुनाव के लिए चिंतित संघ:खुद को सामाजिक संगठन बताने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इस बार मप्र के विधानसभा चुनावों के लिए चिंतित है. चिंता की वजह है संघ के सर्वे में बताया जा रहा है कि बीजेपी के आधे से ज्यादा विधायकों की हालत खराब है और यही वजह है कि अब पहली बार संघ ने सीधे तौर पर प्रदेश में चुनाव की कमान संभाल ली है. चुनाव में सबसे ज्यादा संघ को युवाओं की राष्ट्रवादी फौज की ज़रूरत पड़ेगी. यही वजह है कि संघ मई महीने में युवाओं को युद्ध स्तर पर ट्रेनिंग दे रहा है.