MP Election 2023 Rebels: एमपी में भाजपा कांग्रेस के बागियों पर छोटे दलों की नजर, बसपा ने इन्हें दिया टिकट, संपर्क में हैं आप और सपा भी - Small parties keeping eye on BJP Congress rebels
MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में इस बार दल बदल ज्यादा देखने को मिलेगा. वजह साफ है, क्योंकि जो सर्वे रिपोर्ट आई है वो यही बता रही है कि कांग्रेस को बढ़त है, मगर मुकाबला करीब का है. ऐसे में कई नेता छोटे दलों के सहारे विधानसभा में पहुंचकर अपनी राजनीतिक हैसियत और ताकत बढ़ाना चाहते हैं.
भोपाल (IANS)। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव का पारा धीरे-धीरे चढ़ने लगा है. भाजपा जहां उम्मीदवारों की चार सूचियां जारी कर चुकी है वहीं कांग्रेस की पहली सूची का इंतजार है. इन हालातों में छोटे दलों की पूरी नजर दोनों ही प्रमुख दलों के असंतुष्ट और बागियों पर है. बसपा ने तो भाजपा और कांग्रेस के बगियों को उम्मीदवार बनाना भी शुरू कर दिया है. राज्य में 17 नवंबर को मतदान होना है और 3 दिसंबर को नतीजे आने के बाद सरकार का गठन भी हो जाएगा.
छोटे दलों की भाजपा और कांग्रेस के बागियों पर नजर: राजनैतिक दलों में इन दिनों उम्मीदवार के चयन की प्रक्रिया चल रही है. राज्य में विधानसभा की 230 सीटें हैं इनमें से भाजपा चार सूचियां जारी कर 136 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है, वहीं कांग्रेस की ओर से 15 अक्टूबर को पहली सूची आने की संभावना जताई जा रही है. भाजपा और कांग्रेस में बड़ी तादाद में ऐसे लोग हैं जो उम्मीदवार बनने के लिए दावेदारी कर रहे हैं मगर उन्हें टिकट मिलेगा या नहीं, पार्टी उम्मीदवार बनाएगी या नहीं, यह तय नहीं हो पा रहा है, लिहाजा कई नेताओं ने तो अभी से बगावती तेवर अपना लिए हैं.
बसपा ने भाजपा और कांग्रेस के बागियों को दिया टिकट:बहुजन समाज पार्टी ने भी उम्मीदवारों के नाम तय करना शुरू कर दिए हैं और जो सूचियां आई हैं उनमें कई बागी नेता हैं जिन्होंने बीजेपी और कांग्रेस का दामन छोड़ा है, अब वह बसपा में शामिल हो चुके हैं. बसपा ने छतरपुर से कांग्रेसी नेता रहे डीलमणी सिंह को और राजनगर विधानसभा से भाजपा के नेता रहे घासीराम पटेल को उम्मीदवार बनाया है. इसी तरह दोनों ही राजनीतिक दलों के असंतुष्ट और बागी नेता समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी से संपर्क बनाए हुए हैं और उम्मीदवारों की सूचियां जारी होने के बाद वे अपना रास्ता तय करेंगे. राज्य की वर्तमान विधानसभा पर गौर करें तो सपा का एक और बसपा के सिर्फ दो विधायक थे, वहीं चार निर्दलीय चुनाव जीते थे.
पिछले चुनाव की तुलना में इस बार दल बदल ज्यादा देखने को मिलेगा:इस बार छोटे दलों ने ज्यादा जोर लगाने की तैयारी कर रखी है. राजनीति के जानकारों का मानना है कि राज्य के विधानसभा चुनाव में इस बार पिछले चुनाव की तुलना में दल बदल कहीं ज्यादा देखने को मिलेगा. इसका कारण भी है क्योंकि जो अब तक मीडिया सर्वे रिपोर्ट आए हैं वे यही बता रहे हैं कि कांग्रेस को बढ़त है मगर मुकाबला करीब का है. इस स्थिति में कई राजनेता छोटे दलों के सहारे विधानसभा में पहुंचकर अपनी राजनीतिक हैसियत और ताकत बढ़ाना चाहते हैं. यही कारण है कि दल बदल भी खूब होगा. वहीं छोटे दलों की है कोशिश है कि किसी तरह सत्ता की चाबी उनके हाथ में आ जाए और वह राज्य की सियासत में अपना दखल बढ़ा सकें.