भोपाल।ग्वालियर पूर्व से पूर्व मंत्री माया सिंह को टिकट दिए जाने के बाद सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल के साथियों ने सिंधिया के राजमहल का घेराव किया. उन्होंने मुन्नालाल गोयल का टिकट काटे पर नाराजगी जताई. माया सिंह के सिंधिया परिवार से रिश्तों की वजह से अब मुन्ना लाल गोयल का विरोध का स्वर दबा दिया गया. वहीं पूर्व मंत्री पारस जैन उज्जैन से छह बार विधायक रह चुके हैं. पार्टी ने टिकट काटा तो उन्होंने भावुक अपील जारी कर दी. रीवा जिले के मनगवां विधानसभा सीट से विधायक पंछूलाल प्रजापति तो फूट फूटकर रो पड़े. पंछूलाल ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम पैराशूट से नरेंद्र प्रजापति को लाए और टिकट दिलाया.
टिकट बेचने का आरोप :छतरपुर जिले की चंदला विधानसभा सीट के विधायक राजेश प्रजापति ने तो टिकट काटे जाने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा पर आरोपों की झड़ी लगा दी. वहीं टिकट बेचने की बात भी कही. वे भी फूट-फूट कर रोए. उधर, टिकट कटने के बाद सिंधिया करीबी ओपीएस भदौरिया ने कहा कि मेरे साथ महाराज यानी सिंधिया आज भी हैं. भिंड के मेहगांव से विधायक व सिंधिया समर्थक मंत्री ओपीएस भदौरिया का टिकट नहीं मिला है. सीधी पेशाब कांड की आंच का शिकार भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला हुए. उनका टिकट काटकर बीजेपी सांसद रीति पाठक को उतारा गया. केदारनाथ बागी हो गए हैं. वे चुनाव लड़ने के लिए ताल ठोक रहे हैं.
संजीव कुशवाह का बीजेपी को बाय-बाय :एक साल पहले भाजपा में आने वाले संजीव सिंह कुशवाह के भिंड से टिकट कटने पर बागी तेवर हैं. उनके पिता व बसपा नेता पूर्व सांसद रामलखन सिंह ने बेटे से कहा कि पैसे की चिंता मत करना. वहीं संजीव ने कहा कि अब बात इज्जत की है तो चुनाव जरूर लडूंगा. विंध्य में सतना के मैहर से विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपनी पार्टी बनाकर 40 प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की तैयारी कर ली है. वे कांग्रेस में जाने वाले थे लेकिन वहां से टिकट नहीं मिला. टिकट कटने पर उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा सीट के विधायक मुरली मोरवाल नाराज दिखे. कांग्रेस ने डैमेज कंट्रोल के लिए इन्हें प्रत्याशी बना दिया.