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चिलचिलाती धूप में सीएम हाउस के सामने पत्नी संग धरने पर बैठा ठेकेदार, कमलनाथ बोले- 50% कमीशन के बाद भी नहीं मिला पेमेंट

बुधवार को ग्वालियर का एक ठेकेदार 18 महीने से रुके पेमेंट के लिए अपनी पत्नी संग सीएम हाउस के सामने धरने पर बैठ गया. फिलहाल मामले को लेकर कांग्रेस ने सरकार की घेराबंदी की है.

mp contractor and his wife sits on protest
सीएम हाउस के सामने पत्नी संग धरने पर बैठा ठेकेदार

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 30, 2023, 8:54 PM IST

Updated : Aug 30, 2023, 9:41 PM IST

सीएम हाउस के सामने पत्नी संग धरने पर बैठा ठेकेदार

भोपाल।रक्षाबंधन के मौके पर एक तरफ शिवराज सिंह अपनी लाडली बहनों से राखी बंधवा रहे है और उन्हें तोहफा दे रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ मुख्यमंत्री निवास के सामने एक ठेकदार को महीनो से पेमेंट रुका हुआ है, जिसके चलते ठेकेदार अपनी पत्नी के साथ सीएम निवास के सामने ही धरने पर बैठा गया. पीड़ित पत्नी का कहना है कि "मेरे पति को काम करने के बाद भी पेमेंट नहीं मिला है, इसलिए अब मैंने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है. अगर अब भी हमें न्याय नहीं मिला तो हम सुसाइड कर लेंगे." फिलहाल मामले में कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोला है.

अगर भुगतान नहीं हुआ तो कर लेंगे सुसाइड:दरअसल मध्यप्रदेश की राजनीति में बीते दिनों ठेकेदारों का 50 प्रतिशत का मामला गूंज रहा था, फिलहाल इस मामले को एक बार फिर हवा मिली है. दरअसल बुधवार को ग्वालियर के एक ठेकेदार संजय मिश्रा ने अपनी पत्नी के साथ भोपाल स्थित सीएम हाउस पहुंचे, जहां वे दोनों सीएम हाउस के बाहर सड़क पर ही धरने पर बैठ गए. पीड़ित पत्नी का कहना है कि "मेरे पति ने पूरी इमानदारी से काम किया, इसके बाद भी उन्हें काम का पेमेंट नहीं मिला है. मैंने सीएम हाउस तक सिर्फ न्याय की उम्मीद से आई हूं. अगर सीएम आज शाम तक मेरे पति से भुगतान के संबंध में कोई बात नहीं करते तो हम दोनों आत्महत्या कर लेंगे और इसकी जिम्मेदार सरकार होगी."

कांग्रेस ने किया सरकार पर हमला: मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि "मध्य प्रदेश में चल रहा 50% कमीशन राज अब सभी हदें पार कर गया है. ग्वालियर के एक ठेकेदार आज मुख्यमंत्री आवास के बाहर अपनी पत्नी सहित धरने पर बैठे हैं और उन्होंने आत्महत्या करने की चेतावनी तक दी है, उनका सीधा कहना है कि 50% कमीशन मांगे जाने के कारण वह पूरी तरह बर्बाद हो गए हैं और बार-बार आग्रह करने के बावजूद ना तो कोई अधिकारी और ना ही मुख्यमंत्री उनकी बात सुन रहे हैं. यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले ग्वालियर के ही एक ठेकेदार ने उच्च न्यायालय को पत्र लिखकर 50% कमीशन का आरोप लगाया था, लेकिन उस व्यक्ति को न्याय दिलाने की जगह आवाज उठाने वालों के खिलाफ शिवराज सरकार सक्रिय हुई. उसके बाद रीवा के एक ठेकेदार ने गौशाला निर्माण में 50% कमीशन का आरोप लगाया, उस मामले पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई."

इन खबरों पर भी एक नजर:

कांग्रेस सरकार में होगा न्याय:कमलनाथ ने आगे कहा कि "मैं देख रहा हूं कि शिवराज सरकार ने इसी तरह से व्यापम घोटाले में अपराधियों को संरक्षण दिया था और तब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई थी, जब तक करीब 50 निर्दोष लोगों की संदिग्ध मृत्यु नहीं हो गई और सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया. मध्य प्रदेश का 50% कमीशन राज अब सिर्फ भ्रष्टाचार और घोटाला नहीं बचा है, यह मध्य प्रदेश के ईमानदार ठेकेदारों और अधिकारियों के लिए जानलेवा संकट बनता जा रहा है, जो मुख्यमंत्री अपने दरवाजे पर आए हुए व्यक्ति की फरियाद नहीं सुन सकता, उससे हम न्याय की क्या उम्मीद रखें? मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि 3 महीने बाद कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी तब इस 50% कमीशन राज में शामिल एक-एक व्यक्ति को दंडित किया जाएगा और मध्य प्रदेश के ईमानदार अधिकारियों और ठेकेदारों के साथ न्याय होगा."

Last Updated : Aug 30, 2023, 9:41 PM IST

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