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अवधेश नायक, राजकुमार धनौरा और अंजुम रहबर ने थामा कांग्रेस का हाथ, बीजेपी के कद्दावर नेताओं की सेंध से बिगड़ेगा चुनावी गणित

MP Election 2023: चुनाव के पहले बीजेपी को बड़ा झटका लगा है, दरअसल अवधेश नायक, राजकुमार धनौरा और अंजुम रहबर ने थामा कांग्रेस का दामन थाम लिया है. फिलहाल बीजेपी के कद्दावर नेताओं की कांग्रेस में सेंध से बीजेपी का चुनावी गणित बिगड़ सकता है.

big blow to bjp
बीजेपी को बड़ा झटका

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Published : Aug 6, 2023, 6:25 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के विधानसभा क्षेत्र में सेंध लगा दी है. दतिया के कद्दावर बीजेपी नेता और पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री अवधेश नायक ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है, वहीं सुरखी के बीजेपी नेता राजकुमार सिंह धनौरा ने कांग्रेस ज्वाइन कर ली है. दोनों ही नेता स्थानीय मंत्रियां के कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंदी और विरोधी हैं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने दोनों नेताओं कांग्रेस की सदस्यता दिलाई. इसके अलावा जानीमानी शायर और राहत इंदौरी की पत्नी अंजुम रहबर ने भी कांग्रेस का दामन थाम लिया है.

अंजुम रहबर ने थामा कांग्रेस का हाथ

कांग्रेस ज्वाइन कर बोले बीजेपी में हो रही प्रताड़ना:बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ कांग्रेस प्रदेश कार्यलय पहुंचे दतिया के कद्दावर बीजेपी नेता अवधेश नायक ने आरोप लगाया कि "दतिया जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ ही नहीं, बल्कि बीजेपी नेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की तरफ से पुलिस अधिकारी तैनात हैं कि अवधेश नायक के समर्थन में कौन-कौन लोग सोशल मीडिया पर कमेंट कर रहा है, ऐसे लोगों पर पुलिस कार्रवाई करती थी. जिला पंचायत का चुनाव लडवाने पर मेरे भतीजे बृजमोहन शर्मा को जेल भिजवा दिया, वह 64 दिन बाद छूटा. इंदौर में रहने वाले मेरे भाई के घर पुलिस को भिजवा दिया, मेरे समर्थकों के खिलाफ लूट के मामले दर्ज किए गए."

अवधेश नायक ने आरोप लगाया कि "हम किसी के घर खाने पर भी चले जाएं, तो उसे दूसरे दिन ही नोटिस पहुंच जाता है. किसी सरपंच के घर चले जाएं, तो उसके खिलाफ रिकवरी के नोटिस पहुंच जाती है, इससे परेशान होकर मैंने पार्टी छोड़ने का निर्णय किया. इसके बाद मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष से लेकर सभी नेताओं के फोन आए, सभी ने कहा कि एक बार आकर बात कर लें. हालांकि मैंने साफ कर दिया कि अब बातचीत के सब रास्ते बंद हो गए, इसके बाद मुझे समझौते के लिए पैसे तक के ऑफर दिए गए." बता दें कि अवधेश नायक ने 2008 में डबरा से भारतीय जनशक्ति पार्टी के टिकट पर नरोत्तम मिश्रा के खिलाफ चुनाव लड़ा था, लेकिन वह चुनाव हार गए थे. बीजेपी ने 2016 में उन्हें मध्यप्रदेश पाठ्यपुस्तक निगम का उपाध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दिया था.

राजकुमार धनौरा बोले अपनी ही पार्टी में हुआ प्रताड़ित:कांग्रेस में शामिल हुए सुरखी के बीजेपी नेता राजकुमार धनौरा ने कहा कि "जिस पार्टी में 30 सालों तक काम किया और जिसके खिलाफ लगातार संघर्ष किया, उसे ही बीजेपी ने पार्टी में ले लिया. यही नहीं मंत्री बने गोविंद सिंह राजपूत के कहने पर पार्टी ने मुझे बाहर कर दिया, पार्टी ने दवाब बनाया कि मैं गोविंद सिंह से समझौता करूं. गोविंद सिंह के इशारे पर मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ कई प्रकरण लाद दिए गए, यहां तक कि सोशल मीडिया पर समर्थन करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई. मैं टिकट के लिए नहीं आया, न मेरी कोई शर्त है, जिसे भी प्रत्याशी बनाएंगे, उसे जिताकर गद्दार को हराने का काम करूंगा." बता दें कि राजकुमार सिंह धनौरा मंत्री भूपेन्द्र सिंह के रिश्तेदार हैं, अब वे कांग्रेस में शामिल होने के बाद राजकुमार सिंह धनौरा सुरखी सीट से टिकट की दावेदारी कर सकते हैं.

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आचार संहिता लगने के पहले तेजी से टूटेगी बीजेपी:उधर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि "बीजेपी नेताओं की प्रताड़ना से परेशान होकर बीजेपी को छोड़कर सभी योद्धा पार्टी में शामिल हो रहे हैं. सुरखी और दतिया विधानसभा में जो आतंक इन दो मंत्रियों ने किया, वैसा मैंने किसी विधानसभा में नहीं देखा. झूठे प्रकरण बनाए जा रहे हैं, हम दावे के साथ कहते हैं कि आचार संहिता लगने के पहले बीजेपी इतनी तेजी से टूटेगी कि आपने सपने में नहीं सोचा होगा. उधर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आप कांग्रेस के साथ नहीं जुड़े, बल्कि सच्चाई के साथ जुड़े हैं, हम सभी मिलकर इस भ्रष्ट सरकार के खिलाफ मिलकर लड़ेंगे.

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