भोपाल।दो दिन पहले बीजेपी ने चौथी सूची में 57 प्रत्याशियों के नाम जारी किए. इनमें मुख्यमंत्री सहित 25 मंत्री तथा शेष सभी विधायक हैं. लेकिन जिनकी धड़कनें बढ़ी हैं. वे हैं पंचायत व ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री सुरेश धाकड़, नगरीय प्रशासन व विकास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया, लोक स्वास्थ्य व यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव, उषा ठाकुर, रामलेखावन पटेल. इसके अलावा स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार भी शामिल हैं. खेल व युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने खुद ही चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है.
रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं :हाल ही में मंत्री बनाए गए नर्मदा घाटी विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन अपनी पुत्री मौसम बिसेन को टिकट दिलाना चाह रहे हैं. भाजपा ने जिस तरह परिजनों के लिए टिकट मांगने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को खुद मैदान में उतारा है, उससे बिसेन की बात को पार्टी कितना मानेगी, यह नहीं कहा जा सकता. बताया जाता है कि जिन मंत्रियों के टिकट रोके गए हैं, उनमें अधिकांश की रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री चौहान ने खराब परफारमेंस वाले कई मंत्रियों को बुलाकर समझाइश भी दी थी. साथ ही परफारमेंस सुधारने को भी कहा था. जिन राज्य मंत्रियों के टिकट रोके गए हैं, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक ओपीएस भदौरिया, बृजेंद्र सिंह यादव तथा सुरेश धाकड़ पहली बार विधायक बने थे.
विधायकों को कटने का खतरा :भाजपा की चौथी सूची में जिस तरह दो दर्जन मंत्रियों समेत 57 विधायकों को फिर टिकट दिया गया है, उसने टिकट के आधार को काफी हद तक साफ कर दिया है. जिन मंत्रियों का परफारमेंस ठीक नहीं है या वे क्षेत्र में ही आरोपों के घेरे में हैं, उनके टिकट होल्ड कर दिए गए हैं. यही फार्मूला कुछ मौजूदा विधायकों पर भी अपनाया गया है. चौथी सूची ने इन नौ मंत्रियों समेत 67 विधायकों की नींद उड़ा दी है. सूत्रों की मानें तो नवरात्र में एक और सूची आ रही है. उसमें कुछ विधायकों को टिकट मिल सकता है. उपचुनाव के बाद भाजपा के विधायकों की संख्या 127 हो गई थी. इसमें तीन विधायकों के टिकट वह पहले ही काट चुकी है. जालम सिंह पटेल का टिकट काट कर उनके भाई और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है.