भोपाल।मध्यप्रदेश के बजट के पहले वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की है. 2022-23 के लिए जारी की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (MP Economic Survey Report) में मध्य प्रदेश ने कई मामलों में छलांग लगाई है. प्रदेश की जीडीपी में 7.06 फीसदी की बढ़ोत्तरी का अनुमान लगाया गया है. इसे साथ ही प्रति व्यक्ति आय में भी बढ़ोत्तरी हुई है. हालांकि, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र चिंता वाले हैं. सरकारी स्कूलों में पिछले साल के मुकाबले 1 से 8 वीं तक के छात्र-छात्राओं की संख्या में कमी आई है. इसी तरह कुपोषण की स्थिति भी चिंताजनक बनी हुई है.
स्कूलों में घटे 2 लाख स्टूडेंट्स :
- आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्र-छात्राओं की संख्या में गिरावट हुई है.
- साल 2020-21 में कक्षा 1 से 5 तक के स्कूलों में 38.83 फीसदी छात्रों और 35.74 फीसदी छात्राओं (कुल 74.57 फीसदी बच्चों ) ने नामांकन कराया था. जबकि साल 2021-22 में 38.21 फीसदी छात्रों और 35.01 फीसदी छात्राओं (कुल 73.21 फीसदी स्टूडेंट्स) ने एडमिशन लिया.
- इसी तरह 2020-21 में कक्षा 6 से 8 वीं तक के स्कूलों में 22.28 फीसदी छात्र और 20.47 फीसदी छात्राओं (कुल 42.75 फीसदी स्टूडेंट्स) ने एडमिशन लिया था. लेकिन साल 2021-22 में 21.86 फीसदी छात्र और 20.15 फीसदी छात्राओं ने (कुल 42 फीसदी स्टूडेंट्स) ही एडमिशन कराया.
- इसी तरह माध्यमिक स्कूलों यानी 1 से 8 तक साल 2020-21 में 61.11 फीसदी छात्र और 56.21 फीसदी छात्राओं का एडमिशन हुआ था, जिसका मतलब ये हुआ कि करीब 1 करोड़ 17 लाख 32 हजार छात्र-छात्राओं ने एडमिशन लिया था. लेकिन, साल 2021-22 में यह संख्या घटकर 1 करोड़ 15 लाख 21 हजार रह गई. साल 2021-22 में 60.06 फीसदी छात्र और 55.15 फीसदी छात्राओं ने ही एडमिशन लिया.
- रिपोर्ट के मुताबिक साल 2021-22 में प्रारंभिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा और शिक्षक शिक्षा के लिए उपलब्ध कराई गई राशि को भी खर्च नहीं किया जा सका. इन तीनों मद में स्वीकृत राशि 5346.71 करोड़ थी, जबकि उपलब्ध राशि थी 5522.46 करोड़ रुपए थी, लेकिन व्यय किए जा सके कुल 4556.1 करोड़ रुपए.