भोपाल। पिछले 20 दिनों से हड़ताल पर बैठे मध्य प्रदेश के 32 हजार संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी सरकार से मिले आश्वासन के बाद वापस काम पर लौटने को तैयार हो गए हैं. दरअसल, नियमितीकरण और अपने पुराने साथियों को हटाए जाने के बाद उनकी बहाली की मांग को लेकर यह सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले 20 दिनों से हड़ताल पर बैठे थे. ऐसे में इनकी मंगलवार देर रात स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा हुई और बुधवार को आश्वासन मिलने के बाद यह वापस काम पर आने को तैयार हो गए. (MP News)
एक महीने के अंदर अगर मांगों पूरी नहीं हुईं, तो फिर होगी हड़ताल:संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र भदौरिया के अनुसार विभाग के उच्च अधिकारियों से इनकी चर्चा हुई है. स्वास्थ विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान, कमिश्नर सुदाम खाड़े के साथ हुई बैठक में, सरकार इनकी कुछ मांगे मानने को तैयार हो गई है, जिसमें नियमितीकरण की जगह फिलहाल 90% वेतनमान दिए जाने की सहमति बनी है. इसके साथ ही अन्य मांगों पर भी चर्चा की गई. संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी के कार्यकारी अध्यक्ष का कहना है कि- "सरकार ने इनकी मांगों पर सहमति बना दी है. ऐसे में यह वापस काम पर लौट रहे हैं, लेकिन एक माह के अंदर अगर इनकी मांगों का निराकरण नहीं होता है, तो यह सभी पुनः हड़ताल पर जाने को विवश हो जाएंगे."
कई जिलों में अभी भी कर्मचारी एकजुट नहीं हैं कि हड़ताल खत्म करें:वहीं, प्रदेश के कई जिलों में अभी भी कर्मचारी इस बात पर एकजुट नहीं हैं, कि वह हड़ताल खत्म कर वापस काम पर चले जाएं. इनका कहना है कि "सरकार जब तक लिखित में आश्वासन नहीं देती है, लेटर नहीं देती है. तब तक सभी अपने काम पर वापस नहीं जाएंगे". वही संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि - "सरकार 1 से 2 दिन के अंदर लेटर भी जारी कर देगी. ऐसे में लिखित आश्वासन भी जल्द मिल जाएगा. अगर सरकार ऐसा नहीं करती है, तो 1 माह के समय के बाद पुनः आंदोलन जारी किया जाएगा". (MP Contract health workers strike ends )
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स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी का कर दिया था घेराव :आपको बता दें कि नियमितीकरण और अपने पुराने साथी जो निकाले गए हैं उनकी बहाली की मांग को लेकर यह सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी पिछले 20 दिनों से हड़ताल पर बैठे थे. इस दौरान उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करने की भी कोशिश की थी, लेकिन पुलिस ने बैरीगेट लगाकर इनको रोक दिया था. वहीं दूसरे दिन जब स्वास्थ्य मंत्री प्रभु राम चौधरी जेपी अस्पताल में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे, तो इन सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों ने उनकी गाड़ी का घेराव कर लिया था, जिसके बाद उन्हें वहां से भागना पड़ा था. इस पूरे घटनाक्रम के बाद देर रात पुलिस ने इन सभी संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को खदेड़ते हुए गिरफ्तार कर लिया था और रस्सी से बांधते हुए किसी अपराधी की तरह थाने ले गई थी. बाद में गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों को रिहा किया गया था.