भोपाल। लॉकडाउन लागू होने के बाद भी सरकार द्वारा ट्रांसपोर्ट कारोबारियों से टैक्स वसूलने का निर्णय लिया गया है, जिसका कांग्रेस विरोध किया और उसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया. एमपी कांग्रेस ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा अपना खजाना भरने के लिए ट्रांसपोर्ट कारोबारियों पर लॉकडाउन में व्यवसाय बंद होने के बाद भी, टैक्स देने का दमनकारी निर्णय थोपा जा रहा है. वहीं 1 जून आधी सवारी के साथ पूरा टैक्स देकर परिवहन चालू करने का निर्णय भी दुर्भाग्यपूर्ण है. सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए, ताकि ट्रांसपोर्ट व्यवसाई अपना एवं अपने कर्मचारियों का पालन पोषण कर सकें.
मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि प्रदेश सरकार कोरोना काल में अपना खजाना भरने के लिए तमाम व्यवसायियों के खिलाफ कुचक्र चला रही है. जिसके शिकार ट्रांसपोर्ट व्यवसाई भी हो गए हैं. 2 महीने से ज्यादा समय से तमाम बसें बंद हैं. उसके बाद सरकार द्वारा रोड टैक्स लिया जाना पूरी तरह से गलत है, क्योंकि किसी भी व्यवसाई ने 2 महीने बिना आय के अपने स्टाफ को वेतन दिया है. इसके बाद टैक्स लिया जाना पूरी तरह गलत है. वहीं 1 जून से बसों के संचालन के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने जो नियम बनाए हैं, वो भी पूरी तरह से गलत हैं और ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों के हित में नहीं है.
लॉकडाउन में ट्रांसपोर्ट कारोबारियों से टैक्स वसूलना शिवराज सरकार की दमनकारी नीति: मध्यप्रदेश कांग्रेस
सरकार द्वारा ट्रांसपोर्ट कारोबारियों पर लॉकडाउन में व्यवसाय बंद होने के बाद भी टैक्स भरने के निर्णय को कांग्रेस ने गलत बताता है. सरकार के इस फैसले को कांग्रेस ने दमनकारी निर्णय करार दिया है.
कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना,
जिस तरह से कहा जा रहा है कि बसों में आधी सवारी भरी जाए और आधी सवारी भरने के बाद पूरा टैक्स लिया जाना घाटे का व्यवसाय सिद्ध हो रहा है. इसलिए ट्रांसपोर्ट व्यवसायी सरकार की तानाशाही नीति के खिलाफ हड़ताल पर जाना चाहते हैं, उनकी मांगे जायज हैं. कांग्रेस ने सरकार से मांग की है, सरकार उनकी मांगों पर ध्यान दे, ताकि ट्रांसपोर्ट व्यवसायी अपने परिवार और कर्मचारियों का पालन पोषण कर सकें.