भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के भीतर तेजी से समीकरण बदलने लगे हैं और पार्टी हाईकमान संतुलन की राजनीति पर भी आगे बढ़ चला है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो यात्रा' मध्यप्रदेश से होकर गुजरी और इस दौरान पार्टी में खेमेबंदी दिखी, यह बात राहुल गांधी के सामने भी आई. इसे उस घटनाक्रम से बेहतर तरीके से समझा जा सकता है, जब राहुल गांधी ने खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को गले मिलवाया था.
संगठन में बड़ी सर्जरी की तैयारी:पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमल नाथ संगठन में बड़ी सर्जरी की तैयारी में हैं. वह कई जिला अध्यक्षों से लेकर ब्लॉक अध्यक्ष तक को बदलने वाले हैं. ये वे पदाधिकारी हैं जिनकी निष्क्रियता को लेकर पार्टी चिंतित है और पार्टी युवा के साथ जनाधार वाले व्यक्ति को कमान सौंपना चाहती है.
पार्टी संतुलन की राजनीति पर आगे बढ़ रही है:एक तरफ जहां कमल नाथ संगठन में बदलाव की तैयारी में हैं, तो वहीं राष्ट्रीय नेतृत्व जिम्मेदारियां बांटने में जुट गया है. इसका बड़ा संकेत पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव को छत्तीसगढ़ में 'हाथ से हाथ जोड़ो अभियान' का ऑब्जर्वर बनाए जाने से मिला है. अरुण यादव को पहले खंडवा लोकसभा का उप चुनाव लड़ने से रोका गया, उसके बाद राहुल गांधी की यात्रा के दौरान निमाड़-मालवा के प्रभार के मामले में भी उन्हें कमतर आंका गया था.(MP Congress Mission 2023)