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MP News: आदिवासियों की जमीन बेचने के मामलों में शिवराज सरकार पर कांग्रेस हमलावर,आंकड़ों में हेराफेरी का गंभीर आरोप - कांग्रेस विधायकों अलग आंकड़े

मध्यप्रदेश में आदिवासियों की जमीन बेचने के मामले में कांग्रेस शिवराज सरकार पर हमलावर है. अब कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों के बेचने के सवाल के जवाब में विधानसभा में सरकार ने आंकड़ों में हेराफेरी की है. कांग्रेस का आरोप है कि सरकार ने 2 विधायकों को अलग-अलग आंकड़े बताए हैं.

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MP : आदिवासियों की जमीन बेचने पर कांग्रेस हमलावर

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Published : Jul 13, 2023, 12:38 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासियों को बेचने की अनुमति देने के मामले में जबलपुर में तैनात रहे 3 आईएएस अफसरों दीपक सिंह, ओमप्रकाश श्रीवास्तव, बसंत कुर्रे पर लोकायुक्त ने केस दर्ज किया है. पिछले दो दशकों में आदिवासियों की 60 एकड़ से ज्यादा भूमि गैरआदिवासियों को बेच दी गई. ये जानकारी विधानसभा के मानसून सत्र में पूछे गए सवाल के जवाब में दी गई. हालांकि इस प्रश्न के जवाब में जो जानकारी विधायक को दी गई, उसमें भी फैक्ट छिपाए गए. इस मामले में अलग-अलग विधायकों को अलग-अलग जवाब दिए गए. अब इन विधायकों ने दोनों प्रश्नों में सरकार द्वारा दी गई जानकारी को सामने रखते हुए सवाल खड़े किए हैं.

कांग्रेस विधायकों को अलग-अलग आंकड़े दिए :विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह और कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल के लिखित प्रश्नों के जवाब अलग-अलग मिले हैं. कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने आदिवासियों की जमीन को गैर आदिवासियों को बेचे जाने को लेकर लिखित प्रश्न किया था, जिसका सरकार ने जवाब दिया तो ग्रेवाल भ्रमित हो गए. इसके बाद कांग्रेस विधायक ने यह जानकारी नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को दी. कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल का कहना है कि इसी जानकारी के लिए नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने भी फरवरी-मार्च 2018 में सवाल किया था. उसका जवाब दिसंबर 2022 को दिया गया.

नेता प्रतिपक्ष को अलग आंकड़े दिए :राज्य सरकार ने नेता प्रतिपक्ष को दिए गए जवाब में 2010-15 के 5 सालों में आदिवासी की जमीन गैर आदिवासी को बेचे जाने के प्रकरणों की जिलेवार सूची दी. ग्रेवाल का कहना है कि उनके प्रश्न के जवाब में में 2004-05 से 2022-23 तक की जानकारी देना बताया गया. मगर नेता प्रतिपक्ष और उन्हें दिए गए आंकड़ों में काफी विरोधाभास है. ग्रेवाल ने बताया कि आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचे जाने के आंकड़े 5 साल के ज्यादा हैं और 20 साल की जानकारी में यह संख्या कम है. ग्रेवाल के प्रश्न के जवाब में 2018 से 2022 की अविध के जो आंकड़े बताए गए हैं, उसके मुताबिक प्रदेश के 657 मामलों में ऐसी जमीन गैर आदिवासियों को बेची गई. सबसे ज्यादा राजगढ़ में 273, उज्जैन में 165 तो इंदौर में 112 आदिवासियों की जमीन गैर आदिवासियों को बेचा गया.

ऐसे की आंकड़ों में हेराफेरी :शाजापुर में आदिवासी जमीन के मामले में नेता प्रतिपक्ष को दिए गए जवाब में 27 मामले बताए गए तो ग्रेवाल को दी गई जानकारी के हिसाब से 11 प्रकरणों में गैर आदिवासियों को जमीन बिकी. आगर मालवा में डॉ. गोविंद सिंह को मिले जवाब में 9 प्रकरण थे तो कांग्रेस विधायक ग्रेवाल 11 जुलाई के सवाल के जवाब में यह संख्या शून्य बताई गई. खंडवा में डॉ. सिंह को दी गई जानकारी में 86 प्रकरण बताए गए लेकिन ग्रेवाल को 16 ऐसे प्रकरण होने की जानकारी दी गई. बुरहानपुर में नेता प्रतिपक्ष को सरकार ने लिखित प्रश्न के जवाब में 63 प्रकरण बताए थे, जिनकी संख्या ग्रेवाल के सवाल के जवाब में 66 बताई गई.

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आंकड़े कैसे कम हो गए :बैतूल में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह को जवाब में 18 प्रकरण की जानकारी दी गई थी तो ग्रेवाल को सरकार ने यह संख्या मात्र 6 दी है. सागर में नेता प्रतिपक्ष को गैर आदिवासियों को बेची गई जमीन के 246 प्रकरण बताए गए थे लेकिन ग्रेवाल की सूची में इनकी संख्या 104 दिखाई गई. जबलपुर में डॉ.गोविंद सिंह को सरकार की तरफ सवाल के जवाब में 716 मामलों में गैर आदिवासियों को जमीन बेचे जाने की जानकारी दी गई तो ग्रेवाल को लिखित प्रश्न के उत्तर में यह आंकड़ा 133 कर दी गई. सिवनी में नेता प्रतिपक्ष को गैर आदिवासियों को 526 जमीन के बेचे जाने के मामले बताए गए तो ग्रेवाल को दी गई सूची में इस जिले में 60 गैर आदिवासियों को जमीन बेचे जाने के मामले दिखाए गए हैं.

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