मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

MP Congress : कांग्रेस ने बनाई सवर्ण और आदिवासी वोट बैंक को लुभाने की रणनीति, कमलनाथ पहुंचेंगे भगवान परशुराम की जन्मस्थली

नगरीय निकाय चुनावों के बाद कांग्रेस मिशन 2023 की तैयारियों में जुट गई है. इसके तहत कांग्रेस ने सवर्ण और आदिवासी वोट बैंक को कांग्रेस साधने की रणनीति बनाई है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) परशुराम जयंती पर मंगलवार को जानापाव कुटी पहुंचेगे. वहीं तिरंगा सम्मान महोत्सव की शुरूआत आदिवासी टंट्या भील की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर करेंगे. (MP Congress strategy for 2023) (upper caste and tribal vote bank MP) (Congress on upper caste and tribal) (Kamal Nath go Parashuram birthplace)

Kamal Nath go Parashuram birthplace
कमलनाथ पहुंचेंगे भगवान परशुराम की जन्मस्थली

By

Published : Aug 8, 2022, 4:35 PM IST

भोपाल।सवर्ण और आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए कांग्रेस ने अपने नेताओं को लगा दिया है. इसकी शुरुआत आदिवासी दिवस पर तिरंगा सम्मान महोत्सव से होने वाली है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ इस महोत्सव की शुरूआत इंदौर में आदिवासी टंटया भील की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर करेंगे. कमलनाथ मंगलवार को दोपहर बाद डॉ. आम्बेडकर नगर महू पहुंचेंगे. जहां वे आदिवासी वर्ग के महानायक क्रांतिकारी टंट्या मामा की कर्मस्थली पातालपानी में उन्हें नमन करेंगे. इसके बाद महोत्सव की शुरूआत की जाएगी.

कांग्रेस का दावा- सवर्ण व आदिवासी हमारे साथ :इसके पहले कमलनाथ परशुराज जयंती के मौके पर भगवान परशुराम की जन्मस्थली जानापाव कुटी पहुंचेंगे. कांग्रेस प्रवक्ता नरेंन्द्र सलूजा के मुताबिक कांग्रेस सरकार ने ही महाकाल मंदिर और ओंकारेश्वर मदिर का जीर्णोद्धार कराया है. सवर्ण वर्ग हमेशा कांग्रेस के साथ रहा है. इसी तरह आदिवासी का भी कांग्रेस को समर्थन मिला है. यही वजह है कि पिछले विधानसभा चुनाव में आदिवासियों क्षेत्र की बड़ी संख्या में विधानसभा सीटें कांग्रेस के खाते में आई थीं.

Kamalnath in Jabalpur: पूर्व मुख्मंत्री का बीजेपी पर निशाना, कहा- वोट खरीदने का काम कर रही भाजपा

बीजेपी ने किया पलटवार :उधर, बीजेपी ने कांग्रेस पर पलटवार किया है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी के मुताबिक चुनाव आते ही कांग्रेस को आदिवासी और सवर्णों की याद आने लगती है, लेकिन उन्हें खुद सोचना चाहिए कि आखिरकार इन दोनों वर्गों के लिए आखिर क्या किया है. न सवर्णों को कांग्रेस से कुछ मिला और न ही आदिवासियों को.

ABOUT THE AUTHOR

...view details