भोपाल। प्रदेश में ऑनलाइन गैंबलिंग पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार नया अधिनियम लेकर आएगी, सीएम शिवराज सिंह चौहान द्वारा मुख्यमंत्री आवास पर बुलाई गई पुलिस अधिकारियों की बैठक में इसका निर्णय लिया गया. बैठक में चिटफंड कंपनियों पर प्रभावी कार्रवाई के लिए पुलिस मुख्यालय में एडीजी की अध्यक्षता में एक विशेष सेल का गठन करने के भी निर्देश दिए, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "चिटफंड कंपनियों पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी, साथ ही इन कंपनियों में निवेश करने वालों का पैसा लौटाया जाएगा. बैठक में निर्णय लिया गया कि अवैध मदरसे और ऐसे संस्थान जहां कट्टरता का पाठ पढ़ाया जा रहा है, उनकी समीक्षा की जाएगी. प्रदेश में कट्टरता और अतिवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा."
पुलिस विभाग की बैठक में यह लिए गए निर्णय:सीएम हाउस में ली गई सुरक्षा व्यवस्था की बैठक में गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बीजेपी प्रशांत सक्सैना एसीएस ग्रह राजेश राजौरा सहित तमाम पुलिस के अधिकारी और जिलों के एसपी शामिल हुए. बैठक को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि "बैठक में 2 महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं. प्रदेश में अभी वर्तमान जुआ अधिनियम 1976 प्रचलन में है, इसमें ऑनलाइन गैंबलिंग के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर कोई प्रावधान नहीं है. वर्तमान में ऑनलाइन गैंबलिंग एक बड़ी समस्या बन गई है, इसको लेकर सरकार ने फैसला किया है कि वर्तमान जुआ अधिनियम के स्थान पर मध्य प्रदेश जुआ अधिनियम 2023 बनाया जाएगा. इसमें ऑनलाइन गैंबलिंग के खिलाफ पर्याप्त प्रावधान किए जाएंगे, जिससे ऐसे अपराधियों को दंडित किया जा सके. चिटफंड कंपनियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने के लिए पुलिस मुख्यालय में एडीजी की अध्यक्षता में एक विशेष सेल का गठन किया जा रहा है, जिससे चिटफंड कंपनियों पर सख्ती से कार्रवाई की जा सके. साथ ही इनर चिटफंड कंपनियों में निवेश करने वाले का पैसा सुरक्षित रूप से वापस लौटाया जा सके."