स्व सहायता समूह की महिलाओं का CM से संवाद, बोले-'नारी तू नारायणी' सब-कुछ कर सकती हैं बहनें - लाड़ली बहना योजना
मुख्यमंत्री निवास में स्व-सहायता समूहों के संकुल संगठनों की बहनों के साथ सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संवाद किया. इस दौरान सीएम ने लाडली बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि, 'नारी तू नारायणी है' बहनें सब-कुछ कर सकती हैं.
सीएम आवास में स्व-सहायता समूह की महिलाओं का सम्मेलन
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Published : Apr 11, 2023, 10:10 PM IST
भोपल।मुख्यमंत्री निवास पर मंगलवार को स्व सहायता समूह के संकुल संगठनों की बहनों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस सम्मेलन में पूरे प्रदेश की महिलाएं पहुंची. इस दौरान सीएम ने कहा नारी तू दीन-हीन, अबला नहीं है...वो जमाने चले गए. बहनें हमारी दुर्गा, लक्ष्मी, सरस्वती बन गई हैं. अपने पांव पर खड़ा होने के लिए आत्मविश्वास से भर गई हैं.
भइया भरेंगे पैसा:इस सम्मेलन में सीएम शिवराज लाडली बहना समेत महिलाओं के हित में चलाई जा रही योजनाओं के बारे में उन्हें बताया. इस दौरान सीएम ने कहा कि प्रदेश में स्व-सहायता समूह की बहनों को अब केवल ऋण पर 2 प्रतिशत ब्याज देना होगा. बाकी पैसा भइया और भारतीय जनता पार्टी की सरकार भरवाएगी. स्व-सहायता समूहों से 51 लाख बहनें जुड़ी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक फैसला और हमने किया है कि शराब की दुकानों के पास अहाते बंद कर दिए हैं.
गांव में बेटा-बेटी में अंतर:सीएम शिवराज ने कहा मैंने अपने गांव में बेटा-बेटी में अंतर होते देखा है. बेटियों की दुर्दशा देखकर मन में पीड़ा होती थी कि कैसे इस परिस्थिति को बदलने का काम किया जाए. इसके लिए हमने लाडली लक्ष्मी योजना बनाई. जिसका परिवार आज 44 लाख 50 हजार से ज्यादा का हो चुका है. बेटा-बेटी को जन्म देने वाली बहनों को भी प्रसव से 4 हजार और प्रसव के बाद 12 हजार रुपये दिए जाएंगे, ताकि दोनों की सेहत ठीक रहे. हमने ये भी तय किया कि नगरीय चुनावों में आधी सीटों पर बहनों को मौका मिले.
आजीविका मिशन से आई सामाजिक क्रांति:सीएम ने कहा हमने तय किया कि अगर कोई बहन के नाम से मकान, दुकान या जमीन खरीदेगा तो एक प्रतिशत स्टाम्प शुल्क लगेगा. हमने सोचा कि किस तरह से बहनों के नाम भी मकान दुकान हो जाए. उसके लिए हमने स्टांप शुल्क बहनों और महिलाओं के लिए 1% कर दिया, जबकि उनके पति व पुरुषों के लिए यह कीमत ज्यादा थी. ऐसे में महिलाएं भी मालिक बन गईं. 2012 में हमने आजीविका मिशन का बीज बोया था. इसका परिणाम है कि नारी अब अबला नहीं है, नारी दुर्गा और नारायणी का रुप है. हमें लगा कि बहनें अगर सशक्त बनेंगी और उनके हाथ में पैसा होगा तो वे आत्मविश्वास से भरेंगी और उनका सम्मान भी बढ़ेगा. आजीविका मिशन से सामाजिक क्रांति आई है, लेकिन अभी और आगे बढ़ते जाना है.