MP Chunav 2023: मध्यप्रदेश की सियासत में कांग्रेस की 'कपड़ा फाड़ो प्रतियोगिता', क्या डैमेज कंट्रोल कर पाए कमलनाथ
राजनीति में ये जुमला खूब चलता है कि उसने तो कपड़े फाड़ लिए. लेकिन कोई बड़ा नेता ऐसे नाम लेकर भी किसी बड़े नेता के कपड़े फाड़ देने को नहीं कहता. बात हो रही है कमलनाथ व दिग्विजय सिंह के बीच की. कमलनाथ द्वारा कपड़े फाड़ने के बयान का वीडियो वायरल होने से लेकर वचन पत्र की प्रेस कान्फ्रेंस तक दिग्विजय सिंह का जवाब. इसके बाद कमलनाथ की पॉवर ऑफ एटॉर्नी तक बयानबाजी. कांग्रेस ने ये जताने की पूरी कोशिश की है कि मामला ऐसा भी तूल पकड़ने लायक नहीं है.
मध्यप्रदेश की सियासत में कांग्रेस की 'कपड़ा फाड़ प्रतियोगिता'
भोपाल।पूर्व मुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ कमलनाथ के बयान के बाद बीजेपी के प्रदेश स्तर से लेकर जिला कार्यकारिणी के नेता तक इसे कपड़ा फाड़ प्रतियोगिता का नाम देकर अपनी त्वरित टिप्पणी दे चुके थे. बीच चुनाव में कमलनाथ का ये बयान कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता तक किस शक्ल में जाएगा. ये क्या बड़ी भूल थी. जिसका सुधार कमलनाथ को वचन पत्र पर कुछ बोलने से पहले करना पड़ा. बाकी कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बीच के संवाद का वीडियो इतना तो बता रहा है कि कांग्रेस में लोकतंत्र का वो स्तर है कि दो हमउम्र नेता बेखौफ बेबाक अपनी बात कह रहे हैं.
बीजेपी को मिला मौका :बीजेपी ने जीत की तीन हैट्रिक चुनाव में दिग्विजय सिंह पर निशाना साधकर ही लगाई है. यही वजह है कि 2018 के विधानसभा चुनाव में दिग्विजय सिंह का कार्यकर्ताओं से चर्चा करते एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. जिसमें वे कह रहे थे कि मैं इसलिए भाषण देने मंच पर नहीं आता कि कांग्रेस के वोट कट जाएंगे. इस बार भी दिग्विजय सिंह ने तो पूरी एहतियात बरती. उनके भाषण केवल कांग्रेस कार्यकरताओं के लिए ही थे. लेकिन बीच चुनाव में वाया कमलनाथ आखिर दिग्विजय सिंह की चुनाव में एंट्री हो ही गई.
सीएम शिवराज ने कसा तंज :कमलनाथ ने तैश में कहा या मौज में कहा या फिर गंभीरता से जिम्मेदारी देते हुए. लेकिन जो कहा कि आप जाकर दिग्विजय सिंह और जयवर्धन के कपड़े फाड़िए. ये बीजेपी के लिए मुहमांगा मुद्दे से कम नहीं है. यही वजह है कि बीजेपी के तमाम नेताओं ने कांग्रेस की कपड़ा फाडो प्रतियोगिता का नाम देकर इसे पूरे एपीसोड ट्रेंडिंग करवा दिया. सीएम शिवराज ने तंज कसते हुए कहा कि ये कांग्रेस का असली चेहरा है. एक पूर्व मुख्यमंत्री दूसरे पूर्व मुख्यमंत्री के लिए कह रहा है "जाओ उनके कपड़े फाड़ो, उनके बेटे के कपड़े फाड़ो." ये भी कहा गया कि छिंदवाड़ा के टिकट नकुलनाथ घोषित करेंगे और नकुलनाथ के घोषित करने के बाद फिर दिल्ली से घोषित होंगे और दो टिकट उन्होंने घोषित भी कर दिए.
क्या वोटर पर ऐसे तमाशे असर डालते हैं :कमलनाथ ये जान चुके थे कि जो जुबां से निकला तो बवाल भी हो सकता है. बीजेपी ने तूल पकड़ने का इंतजाम तो कर ही लिया था. लिहाजा पार्टी के घोषणा पत्र ऐलान के कार्यक्रम में वचन पत्र से पहले कमलनाथ ने अपने बयान पर सफाई दी. खास बात ये कि जब कमलनाथ दिग्विजय सिंह को गाली खाने की पॉवर ऑफ अटार्नी का जिक्र कर रहे थे, तभी दिग्विजय सिंह ने भी जवाब देने में बहुत देर नहीं लगाई. उन्होंने हाथ के हाथ जवाब दिया कि फार्म ए और बी में प्रदेशाध्यक्ष के दस्तखत होते हैं. फिर ये भी कहा कि ये भी पता चले कि गलती कौन कर रहा है. वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर का इस मामले में कहना है कि जनता बहुत फोक्सड है. जनता मुद्दों से नहीं भटकती. उसका एजेंडा स्पष्ट है. लेकिन इस तरह के संवाद मसाला तो दे ही देते हैं.