भोपाल। 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले क्या एमपी में बुंदेलखंड से लेकर मालवा और ग्वालियर चंबल तक बीजेपी वर्सेस बीजेपी का सीन अभी और लंबा चलेगा. ये लक्षण कांग्रेस के लेकिन गंभीर संक्रमण की चपेट में बीजेपी है इस बार. पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने बीजेपी में बढ़ते बगावती तेवरों को लेकर फिर बेबाक बयान दिया है और कहा है कि जिस बीजेपी का संगठन हमेशा से सशक्त रहा हो. वहां इस बार लगातार संगठन पर ऊंगली उठ रही है. संगठन को अपनी भूमिका में आने की सख्त जरुरत है उन्होंने सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि कमोबेश यही स्थिति सरकार में है. बेलगाम नौकरशाही सरकार के साथ पार्टी पर अपना असर दिखाए इसके पहले संभाल की जरुरत है.
बीजेपी में दंगल कहां कहां: ग्वालियर चंबल में महाराज और नाराज बीजेपी की दरार सिंधिया तोमर से शुरु होकर जयभान सिंह पवैया और प्रदुम्न सिंह तोमर तक पहुंच रही है. बुंदेलखंड में नाराज भी महाराज वाले ही हैं. शिवराज सरकार के दो कद्दावर मंत्री भूपेन्द्र सिंह और गोविंद सिंह राजपूत आमने सामने खड़े हैं. मालवा में मंत्री मोहन यादव की एक्टिविटी पार्टी के सांसद को नाराज़ किए हैं. सवाल ये है कि नाराज़ भाजपा के बढ़ते नज़ारे क्या 2023 में वाकई बीजेपी को किनारे पहुंचाएंगे. सागर उज्जैन शिवपुरी, गुना, ग्वालियर, पन्ना, छतरपुर के साथ भोपाल में बीजेपी के मंत्रियों के के बीच भारी असंतोष है. खास बात ये है कि बीजेपी के संगठन की नकेल कहीं दिखाई नहीं दे रही.
ग्वालियर चंबल में महाराज और नाराज:2023 के विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी में मर्ज सबसे ज्यादा जिस इलाके में है वो ग्वालियर चंबल है. लक्षण भले दिखाई ना दे रहे हों लेकिन भीतर भीतर बहुत कुछ पक रहा है. यहां महाराज और नाराज बीजेपी की लकीर का एक सिरा अगर सिंधिया और नरेन्द्र सिंह तोमर से शुरु होता है. तो खत्म होते होते वो जयभान सिंह पवैया और प्रदुम्न सिंह तोमर तक पहुंचता है. नाराज होकर हाशिए पर पहुंचे नेताओं में प्रभात झा से शुरु कीजिए तो माया सिंह और अनूप मिश्रा तक कतार बढ़ती जाती हैं.
एक अनार कई बीमार: ग्वालियर दक्षिण की तरह कई विधानसभा सीटें ऐसी भी हैं. जहां एक अनार कई बीमार के हालात हैं ग्वालियर दक्षिण से अनूप मिश्रा की तो दमदार दावेदारी है ही. पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाह भी इसी सीट से टिकट मांग रहे हैं और यहीं से ग्वालियर की पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता भी दावेदारी कर रही हैं. माया सिंह ग्वालियर पूर्व से टिकट कट जाने के बाद इतनी नारज हैं कि अब अघोषित विरोध दर्ज करवा रही हैं और पार्टी के किसी कार्यक्रम शामिल नहीं होती. डबरा में सिंधिया समर्थक इमरती देवी तो बीजेपी के दिग्गज नेता नरोत्तम मिश्रा को अपनी हार की वजह पहले से बताती रही हैं.