भोपाल। 12 दिन के इंतजार के बाद सामने आया मोहन यादव की कैबिनेट का चेहरा कितना चौंकाने वाला था. इस कैबिनेट के 28 में से 17 चेहरे एकदम नए नवेले. ये वो चेहरे हैं, जिन्हें पहली बार मंत्री पद दिया गया. इनमें से कुछ तो पहली बार ही चुनाव भी लड़े. लोकसभा चुनाव के मद्देनजर एससी एसटी वर्ग से से 9 मंत्रियों को मौका दिया गया. जबकि ओबीसी पर खास फोकस कर रही पार्टी में मुख्यमंत्री के अलावा अब बारह मंत्री भी इसी वर्ग से हैं. महिला विधायकों मे से चार को मंत्री बनाया गया है, लेकिन खास बात ये है कि शिवराज मंत्रिमण्डल के कई दिग्गजों को इस कैबिनेट में जगह नहीं दी गई.
नए को जगह क्यों दिग्गज क्यों छूटे:कैबिनेट की इस सूची को अंतिम रुप देने से पहले सीएम मोहन यादव ने दिल्ली के तीन दौरे भी किए. हालांकि जिस तरह एमपी में मुख्यमंत्री पद को बीजेपी ने चौंकाया है. उसके बाद ये सवाल ही बेमानी हो गया है कि विधानसभा जीत का रिकार्ड लिए कोई दिग्गज विधायक मंत्री पद की दौड़ में क्यों पिछड़ गया, पहली बार चुनाव लड़ते ही कोई विधायक कैसे कैबिनेट में जगह बनाने में आसान रहा.
कैबिनेट में भी इसकी तस्वीर दिखाई दे रही है. इंदौर से सबसे जयादा मतों से जीतने वाले रमेश मैंदोला इस बार भी मंत्री पद की दौड़ में पिछड गए. उषा ठाकुर भी मंत्री पद नहीं पा सकीं. इस तरह मध्य से मंत्री पद को लेकर पूरी तरह आश्वस्त चल रहे रामेश्वर शर्मा को भी जगह नहीं मिल पाई. इन्होंने भी चुनाव में बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी.
सिंधिया समर्थकों में केवल तीन चेहरे: कभी 22 विधायकों के साथ एमपी में बीजेपी की सरकार बनवाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का कैबिनेट में दबदबा पहले से कमजोर पड़ा है. इस बार वे केवल तीन मंत्रियों को जगह दिला पाए. जिनमें तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और प्रद्युम्न सिंह तोमर ने मंत्री पद की शपथ ली है.