भोपाल।मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में साल 2011 में 247 करोड़ की लागत से बनाए गए बीआरटीएस (बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम) कॉरिडोर को आखिरकार हटाया जाएगा. मंत्रालय में सीएम मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने बीआरटीएस कॉरिडोर को हटाने के निर्देश दिए हैं. पिछले 13 सालों में इस बीआरटीएस कॉरिडोर पर 450 करोड़ से ज्यादा खर्च किया जा चुका है. मंत्रालय में हुई बैठक के दौरान स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने बीआरटीएस को सुगम यातायात में बड़ा बाधक बताते हुए इसे हटाने पर अपनी सहमति दे दी.
सेंट्रल रोड डिवाइडर बनेगा: मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में बीआरटीएस से पैदा हुई अनेक समस्याओं के अलग-अलग पहलुओं पर विस्तार से बातचीत की गई. भोपाल जिले के विधानसभा क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों ने इसको लेकर अपने सुझाव दिए. जनप्रतिनिधियों ने कहा कि बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने से व्यस्त मार्गों पर यातायात का दबाव कम होगा. स्थानीय परिवहन व्यवस्था को अधिक सुविधाजनक बनाया जा सकेगा. बैठक में बीआरटीएस कॉरिडोर के स्थान पर सेंट्रल रोड डिवाइडर बनाने पर सहमति हुई. बैठक के दौरान बीआरटीएस कॉरिडोर को लेकर अधिकारियों द्वारा प्रेजेंटेशन दिया गया. जिसमें विभिन्न हिस्सों में डेडीकेटेड कॉरिडोर और मार्गों के अन्य हिस्सों में वाहनों की आवाजाही से संबंधित तथ्यों को रखा गया.