भोपाल।महू में आदिवासी की मौत का मामला विधानसभा सत्र में गरमाया. विधानसभा सत्र की शुरुआत होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ.गोविंद सिंह ने महू में आदिवासी की मौत का मामला उठाया. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ में कहा कि यह दुख और शर्म की बात है. अब सरकार मजिस्ट्रियल जांच की बात कर रही है, लेकिन मेरे पास आंकड़े हैं कि मजिस्ट्रियल जांच तो होती है लेकिन होता कुछ नहीं. कमलनाथ ने सरकार से मांग की है कि मजिस्ट्रियल जांच की समय सीमा तय की जानी चाहिए.
एमपी 13 बार आदिवासी अत्याचार में अव्वल :विधानसभा की कार्रवाई शुरू होते ही कांग्रेस ने महू में आदिवासी की मौत का मामला सदन में उठाते हुए इस घटना को शर्मनाक बताया. कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश को 13 बार आदिवासी अत्याचार का मुकुट मिला है. 18 साल की सरकार में 13 बार मध्यपदेश ने आदिवासियों पर अत्याचार के मामले में नंबर वन आया है. एनसीआरबी के आंकड़े ही प्रदेश में कानून व्यवस्था की पोल खोलते हैं. कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि रेप के कारण आदिवासी आंदोलित हुए. उन्होंने पूछा कि क्या पुलिस को फायरिंग करने के आदेश थे. जब आदिवासियों का धरना होता है, पुलिस तभी फायरिंग क्यों करती है. पुलिस को फायरिंग के आदेश कहां से मिले.