MP Budget Session 2023: प्रवासी भारतीय सम्मेलन पर खर्च हुए 28 करोड़, सजावट में लगे 15 करोड़ रुपये - एमपी विधानसभा का बजट सत्र 2023
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 2023 इन दिनों चल रहा है. कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के एक सवाल के जवाब में बुधवार को सरकार ने बताया कि जनवरी में हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन में 28 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है, जिसमें 15 करोड़ रुपये सजावट में खर्च किये गये हैं. (MP Budget Session 2023)
जीतू पटवारी
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Published : Mar 15, 2023, 4:42 PM IST
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Updated : Mar 15, 2023, 4:49 PM IST
भोपाल।इंदौर में इस साल जनवरी माह में किए गए दो दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए सरकार ने 28 करोड़ रुपए खर्च किए. प्रदेश सरकार ने यह जानकारी सदन से निलंबित चल रहे कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के सवाल के जवाब में दिया है. सरकार ने जवाब में बताया है कि प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन को लेकर इंदौर नगर निगम ने ही सजावट के नाम पर 15 करोड़ रुपए की राशि खर्च की है.
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कांग्रेस विधायक पूछा था ये सवाल:कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने सवाल पूछा था कि जनवरी माह में इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेन में किस-किस विभाग द्वारा किस कार्य में कितनी राशि खर्च की गई है और कुल मिलाकर कितना खर्च इस आयोजन पर किया गया. कांग्रेस विधायक ने सम्मेलन के दौरान शहर में किए गए पौधा रोपण की संख्या और इस पर किए गए खर्च की जानकारी भी सरकार से मांगी थी. (MP Budget Session 2023)
सरकार ने दिया ये जवाब:उधर, जवाब में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रभावी भारतीय दिवस सम्मेलन में एमपी इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड को प्रवासी भारतीय दिवस स्टीयरिंग कमेटी द्वारा नोडल एजेंसी बनाया गया था. सरकार ने बताया कि भारत सरकार के उपक्रम ब्रॉडकास्ट इंजीनियरिंग कंसल्टेंट इंडिया लिमिटेड को डिजिटल प्रदर्शनी के लिए 7 करोड़ 9 लाख 75 हजार रुपए की राशि का भुगतान किया गया था. इसके अलावा आयोजन के लिए टेंडर के जरिए नियुक्त इवेंट मैनेजमेंट कंपनी एक्सप्रो इवेंट्स एंड एक्सहिबिट्स को इवेंट मैनेजमेंट के लिए 3 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया. वहीं, एमपी स्टेट टूरिज्म डेवलपमेंट कार्पोरेशन को आवास एवं परिवहन के लिए 2 करोड़ 90 लाख 25 हजार रुपए का भुगतान किया गया था.
जनता की गाढ़ी कमाई लुटा रही है सरकार:वहीं, सरकार के जवाब पर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा कि "प्रवासी भारतीय सम्मेलन के आयोजन पर 28 करोड़ रुपए का खर्च सरकार ने किया है, जबकि करीब 4 लाख करोड़ के कर्ज में सरकार डूबी हुई है. सरकार सिर्फ वाहवाही लूटने के लिए जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा लुटाने में जुटी हुई है'.