भोपाल। भाजपा ने 2018 में किसानों की कर्ज माफी के मुद्दे पर सरकार गवाई थी. जोड़ तोड़ करके दोबारा सत्ता प्राप्त कर ली और उसके बाद आज तीसरा बजट भी पेश कर दिया, लेकिन कर्ज माफी से दूरी बनाए रखी. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अपने बजट भाषण में कहा है कि जो किसान कर्ज माफी के इंतजार में बकायादार हो गए और खाद बीज से वंचित कर दिए गए. उनकी बकाया राशि पर ब्याज सरकार भरेगी.
कंप्यूटरीकरण पर जोर:इसी प्रकार सहकारी संस्था में पहले से जो किसान डिफॉल्टर हैं, उनके ब्याज की राशि भी सरकार भरेगी. इसी को ध्यान में रखकर सहकारी संस्थाओं द्वारा किसानों को कर्ज देने के लिए लिए 2 हजार 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा सहकारी संस्थाओं के सभी काम का कंप्यूटरीकरण करने पर सरकार ने विशेष जाेर दिया और इसके लिए 2023-24 में 80 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. सरकार ने बीते साल की अपेक्षा इस बार 804 करोड़ रुपए का अधिक बजट कृषि विभाग के लिए रखा गया है. इस साल कृषि और उससे जुड़ी योजनाओं के लिए कुल 53 हजार 964 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित किया गया है.