भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार का बजट वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रस्तुत किया. इस दौरान चिकित्सा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. वित्त मंत्री ने चिकित्सा के लिए बजट में इजाफा किया है. वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में पब्लिक हेल्थ और मेडिकल एजुकेशन दोनों ही क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित करने के लिए कई महत्वपूर्ण पहलू बजट में शामिल किए हैं.
मेडिकल कॉलेजों की बढ़ेगी संख्या:मध्यप्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट पेश किया. बजट में कहा गया कि मध्यप्रदेश में अब मेडिकल कॉलेजों की संख्या और बढ़ाई जाएगी. शासकीय मेडिकल कॉलेज आने वाले वर्षों में 25 हो जाएंगे. जिससे एमबीबीएस की सीटें भी बढ़ जाएंगी. वर्तमान में मध्य प्रदेश में एमबीबीएस की सीटें 2055 हैं. जिनकी संख्या आगे चलकर 3605 हो जाएगी. यह जानकारी वित्त मंत्री ने बजट भाषण के दौरान दी. बजट में इसके लिए प्रावधान किया गया है. इसके साथ ही अन्य स्वास्थ्य सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है.
बढ़ेगी एमबीबीएस की सीट: वित्त मंत्री ने कहा सरकार प्रदेश में इण्डियन पब्लिक हेल्थ स्टेण्डर्स के मापदण्डों को लागू करेगी. साथ ही हेल्थ एण्ड वेलनेस केन्द्र के रूप में परिवर्तित प्रदेश की 10 हजार उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में 12 प्रकार की स्वास्थ्य सेवायें होगी. वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश में योग्य एवं विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार विद्यमान है. महाविद्यालयों में सीट्स वृद्धि एवं नवीन चिकित्सा महाविद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं. प्रदेश में शासकीय मेडिकल कॉलेजों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. प्रदेश में शासकीय क्षेत्र के कुल 25 चिकित्सा महाविद्यालय कार्यशील हो जायेंगे. जिससे वर्तमान में 2 हजार 55 एमबीबीएस सीट्स
बढ़ाकर 3 हजार 605 हो जाएगी.
953 करोड़ का प्रावधान:अभी प्रदेश में 13 शासकीय मेडिकल कॉलेज हैं. इसके अतिरिक्त स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के लिये 649 सीट्स बढ़कर 915 सीट्स उपलब्ध होंगी. चिकित्सा महाविद्यालयों में 810 बीएससी नर्सिंग एवं 300 पोस्ट बेसिक नर्सिंग की अतिरिक्त सीट्स का लाभ मिलेगा. आयुष में 362 हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर प्रारंभ किए जा चुके हैं, एवं शीघ्र ही 200 और प्रारंभ किए जायेंगे. जिला अस्पतालों में निजी भागीदारी से वेट नीज मॉडल के माध्यम से 132 प्रकार की निःशुल्क जांच सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. ग्रामीण क्षेत्र में हब एण्ड स्पोक मॉडल के तहत 45 प्रकार की जांच सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है. मीजल्स स्वेला को वर्ष 2023 तक, क्षय रोग का वर्ष 2025 तक, कुष्ठ रोग, मलेरिया एवं फाइलेरिया को वर्ष 2030 तक उन्मूलन करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है. आयुष्मान भारत योजना में ₹5 लाख तक का निःशुल्क उपचार की सुविधा उपलब्ध है. प्रदेश में अब तक ₹ 2 हजार 500 करोड़ से अधिक की राशि से 24 लाख 68 हजार उपचार प्रदाय किये गये हैं. इस हेतु 953 करोड़ का प्रावधान प्रस्तावित है.