भोपाल। 2022 के उत्तप्रदेश के विधानसभा चुनाव में जो स्कूटी कांग्रेस के घोषणा पत्र का हिस्सा थी. 2023 के विधानसभा चुनाव के पहले वो ई-स्कूटी अब मध्यप्रदेश के बजट का हिस्सा हो गई है. अब ये सबसे बड़ा चुनावी एलान बन चुकी है. लड़कियों को स्कूल तक पहुंचाने वाली स्कूटी शिवराज सरकार को पांचवी पारी में सत्ता तक भी पहुंचाएगी इस दम के साथ खेला गया है ये दांव. छात्राओं से लेकर महिलाओं तक बजट में इस वर्ग में सौगातों की झड़ी की बड़ी चुनावी वजह भी है. 2023 के चुनाव में ये वोटर ही निर्णायक रहने वाला है. प्रदेश के 41 जिलों में महिला वोटर का आंकड़ा 7 लाख तक बढ़ चुका है. जबकि अक्टूबर तक एमपी में 18 साल की उम्र पार करने के साथ 1 लाख नए वोटर तैयार हो जाएंगे. जाहिर है जिनमें बड़ी तादात छात्राओं की होगी.
ई स्कूटी का करंट क्या सत्ता दिलाएगा:2007 के विधानसभा चुनाव में लाड़ली लक्ष्मी जिस तरह से बीजेपी के लिए गेमचेंजर साबित हुई थी, उसी तरह छात्राओं के लिए ई-स्कूटी का एलान भी चुनावी दृष्टि से बीजेपी का बड़ा दांव कहा जा रहा है. उसकी वजह है कि स्कूटी भले किसी एक छात्रा के नाम पर आए, लेकिन वोट पूरे परिवार से मिलेगा. ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों तक ये ई-स्कूटी छात्राओं को स्कूल तो पहुंचाएगी ही, साथ ही बीजेपी को भरोसा है कि पांचवी पारी में सत्ता तक पहुंचाने का रास्ता भी इसी ई-स्कूटी के सहारे मिलेगा.
युवा वोटर पर चुनावी दांव:महिला के बाद अब मध्यप्रदेश में राजनीतिक दलों का बड़ा फोकस युवा वोटर पर ही है. कमलनाथ ने भी 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले बेरोजगार युवाओं को स्टाइ फंड देने का एलान किया था और नतीजे उनके पक्ष में आए थे. इस लिहाज से देखें तो चुनाव के एन पहले छात्राओं को दी जाने वाली स्कूटी भी असर दिखाएगी, बीजेपी का ये भरोसा है. यही वजह है कि कर्जे में डूबी सरकार ने स्कूटी पर होने वाला खर्च का जोखिम भी उठा लिया.