भोपाल। गुरुवार 2 मार्च को शिवराज सरकार ने विपक्ष के हंगामे के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा में बजट पेश किया. घरेलू गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस विधायक बजट भाषण के दौरान हंगामा करते रहे. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि साल 2022- 23 में कुल खर्च 2 लाख 47 हजार 715 करोड़ रुपए था, जो इस साल 35 हजार 839 करोड़ रुपए बढ़कर दो लाख 81 हजार 554 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. राज्य सरकार को वर्ष 2023-24 में कुल प्राप्तियां 2 लाख 81 हजार 660 करोड़ का अनुमान लगाया जा रहा है.
कोई नया टैक्स नहीं :चुनावी साल में राज्य सरकार ने प्रदेश के लोगों पर कोई भी नया टैक्स ना लगाकर राहत दी है. बजट में सरकार ने अनुमान लगाया है कि पिछले साल के मुकाबले राज्य सरकार को करों के माध्यम से 17% अधिक का राजस्व प्राप्त होगा. राज्य सरकार को वर्ष 2023 24 में कुल राजस्व प्राप्तियां से 2 लाख 25 हज़ार 710 करोड रुपए प्राप्त होने का अनुमान है. इसमें राज्य करों से 86 हजार 500 करोड़ और केंद्रीय करों में प्रदेश की हिस्सेदारी के रूप में 80 हज़ार 184 करोड़ों रुपए का अनुमान लगाया गया है. इसके अलावा अन्य करों के माध्यम से 14913 करोड़ और केंद्र सरकार से सहायता अनुदान अंतर्गत 44113 करोड़ों रुपए का अनुमान लगाया गया है. राज्य सरकार ने बजट में उद्योगों और आम लोगों को कई राहत दी हैं. विकास अनुबंध शुल्क को 2.5 प्रतिशत से घटाकर 1.5 फीसदी किया गया है.
15 साल पुराने वाहन नहीं चलेंगे :बजट में यह भी प्रावधान किया गया है कि 15 साल पुराने वाहन नहीं चलेंगे. इस नीति पर इसी अप्रैल से नियम लागू होगा. राज्य सरकार भी अपने एक हजार सरकारी वाहनों को हटा देगी. इस बजट में खासकर नवीन मुख्यमंत्री बालिका स्कूटी योजना का जिक्र है. इसके तहत 12वीं क्लास में फर्स्ट क्लास आने वाली छात्राओं को ई-स्कूटी भेंट की जाएगी. लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए 929 करोड़ रुपये हैं. महिला स्व सहायता समूहों के लिए 660 करोड़ रुपये का बजट है. बकायादार किसानों के कर्ज का भुगतान भी राज्य सरकार करेगी. इसके साथ ही एमबीबीएस में 2 हजार 55 से बढ़ाकर 3 हजार 605 हो जाएंगी. पोस्टग्रेजुएट कोर्स के लिए 649 सीट्स बढ़कर 915 होंगी. इसके अलावा नर्सिंग कॉलेजों में 810 बीएससी नर्सिंग व 300 पोस्ट बेसिक नर्सिंग की अतिरिक्त सीटें होंगी. सीएम सनराइज स्कूलों के लिए भी 3 हजार 230 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है. प्रदेश में 9,200 सीएम राइज स्कूल और खोले जाने की स्वीकृति मिली है.