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MP बजट 2021ः आर्थिक बदहाली के चलते कई योजनाओं के बजट व विभागों के खर्चे में हो सकती है कटौती

मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 22 फरवरी से शुरु होगा और 26 मार्च तक चलेगा. इस बजट में शिवराज सरकार आर्थिक बदहाली के चलते कई योजनाओं और खर्चों में कटौती करने की तैयारी में है.

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Published : Jan 23, 2021, 1:12 AM IST

Updated : Jan 23, 2021, 1:20 AM IST

MP budget 2021
MP बजट 2021

भोपाल। प्रदेश की अर्थव्यवस्था पहले ही बदहाली के दौर से गुजर रही है. कोरोना व लॉकडाउन ने प्रदेश की विकास दर को बुरी तरह प्रभावित किया है. हालात ये हैं कि सरकार को अपने जरूरी कामकाज भी कर्ज लेकर चलाना पड़ रहा है. सरकार आगामी वित्तीय वर्ष का बजट लेकर आने वाली है.लेकिन बजट की तैयारियों में सरकार के वित्त विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए हैं कि विभागों के रोजाना खर्च में कटौती की जाए. ऐसी योजनाओं पर कम से कम बजट दिया जाए, जो या तो भविष्य में बंद की जानी हैं या जनता द्वारा उन्हें पसंद नहीं किया जा रहा है. वित्त विभाग ने ये निर्देश सभी विभागों को बजट प्रस्ताव भेजने के लिए दिए हैं. इसका असर खास तौर पर विभागों के रोजाना के खर्च और योजनाओं पर पड़ेगा.

वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा

रोजाना के खर्चों में विभाग करें कटौती

साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि विभाग परिवहन, सुरक्षा, साफ-सफाई और सत्कार जैसे खर्च पर पांच फीसदी से ज्यादा बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव ना भेजें. वित्त विभाग ने यह एडवाइज भी दी है कि अगर हो सके तो पूर्व से चले आ रहे खर्च को भी यथावत रखा जाए.

कर्मचारी वर्ग की मांगों को लेकर भी निर्देश

वित्त विभाग ने सभी विभागों को यह भी निर्देश दिया है कि कर्मचारी वर्ग की जो मांगे हैं उनको यह ध्यान रखकर प्रस्ताव बनाया जाए कि शासन पर अतिरिक्त वित्तीय भार ना आए. हो सके तो आगामी वित्तीय वर्ष में कर्मचारी वर्ग की मांगों को आर्थिक और अनार्थिक में विभाजित कर प्रस्ताव तैयार किया जाए. हालांकि अखिल भारतीय सेवाओं के मामले में वित्त विभाग ने निर्देश दिए हैं कि केंद्रीय सरकार के निर्देशों के अनुसार बजट में प्रावधान किए जाएं.

प्राथमिकता का रखा जाएगा ध्यान

आगामी बजट को लेकर योजनाओं के बजट या तो पिछले वित्तीय वर्ष के अनुसार रखे जाएं या योजनाओं की भविष्य की स्थिति का आकलन कर अगर योजना बंद होने की स्थिति में है,तो बजट में कटौती की जाए. सरकार ने विभाग को लगातार संचालित ना होने वाली योजनाओं के बजट को कम करने के निर्देश दिए हैं. वित्त विभाग ने सलाह दी है कि विभागीय योजनाओं में केंद्र सरकार से मिलने वाले अंशदान को ध्यान रखकर राज्य की प्राथमिकता के हिसाब से बजट पेश किया जाए.

'जरूरी काम नहीं रोके जाएंगे'

मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि आप सबको पता है कि कोरोना काल में पूरा विश्व प्रभावित हुआ है. देश की अर्थव्यवस्था भी प्रभावित हुई है. इसीलिए प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा है. इन परिस्थितियों में भी मैं सीएम शिवराज को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने बेहतर तरीके से काम किया. गरीब वर्ग के कल्याण के लिए कोई कमी नहीं रखी है. आर्थिक तंगी और कोरोना संकट के बावजूद भी कमलनाथ सरकार के दौरान बंद की गईं गरीब कल्याण की योजनाओं को फिर से चालू किया गया. निश्चित रूप से जो आवश्यक काम है, वह बिल्कुल नहीं रोके जाएंगे,सरकार इसके लिए तैयार है.

आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश पर फोकस होगा बजट !

बजट आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश पर फोकस हो सकता है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने बीते दिनों इस बात के संकेत दिए थे. मध्यप्रदेश का आगामी बजट आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश पर फोकस रहेगा और प्रदेश के बजट में आमजनता, उद्योगपतियों व विशेषज्ञों से राय ली जाएगी. सीएम ने भोपाल में इस बारे में जानकारी देते हुए आगे ये भी कहा था कि सरकार की कोशिश है कि प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाया जाए और इसलिए पहली बार प्रदेश सरकार के बजट के लिए जनता से भी सुझाव लिए जाएं.

Last Updated : Jan 23, 2021, 1:20 AM IST

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