भोपाल। विधानसभा में मध्य प्रदेश का बजट पेश कर दिया गया है. मध्यप्रदेश के बजट को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के साथी राजकोषीय घाटा 4% प्रस्तावित किया गया है. साथ ही ना ही कोई नया कर लगाया गया है और कोई पुराना कर घटाया गया है. अर्थशास्त्रियों ने इसे मिलाजुला बजट बताया है. उद्योगों पर विशेष ध्यान दिया गया है. साथ ही अगले साल बजट में जो भी योजनाओं पर अधिक पैसा मध्य प्रदेश सरकार खर्च कर रही है तो उसका परिणाम भी पेश करने की बात अर्थशास्त्री कह रहे हैं.
व्यापार को नहीं मिला लाभ, निराशाजनक रहा बजट : अर्थशास्त्री
विधानसभा में मध्य प्रदेश का बजट पेश कर दिया गया है. वहीं अर्थशास्त्री की नजर में एमपी का बजट 2021-22 में व्यापार को कोई लाभ नहीं मिला है.
बजट में योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है. अर्थशास्त्रियों ने इसे आम लोगों के लिए बेहतर माना है, लेकिन उद्योगपतियों और व्यापारियों के लिए इस बजट में निराशा हाथ लगी है. बजट में हर बार की तरह पूरा फोकस कृषि पर दिया गया है. अर्थशास्त्री संतोष अग्रवाल का कहना है की हर बार की तरह सरकार ने इस बार कृषि जगत के लिए विशेष प्रावधान दिए हैं, लेकिन उद्योगों के लिए राहत नहीं दी है. पर इसमें बड़ी संख्या में उद्योग भी स्थापित हैं. जिन्हें आगे बढ़ाने की जरूरत है. हाल ही में सरकार के विरोध में मध्य प्रदेश भी बंद किया गया था. आत्मनिर्भर की बात की जा रही है, लेकिन स्टार्टअप उद्योग के लिए बजट मे कुछ खास नहीं दिया गया है.
किसानों को लुभाने वाला रहा बजट
बजट में किसानों को विशेष राहत दी गई है. किसान सम्मान निधि योजना लागू की गई है. जिसमें किसानों को हर साल केन्द्र से 6000 का प्राप्त हो रहे हैं. मध्य प्रदेश सरकार ने 4 हजार जोड़कर 10 हजार कर दिया है. जिसका लाभ करीब 78 लाख किसानों को इसका लाभ मिल रहा है. वहीं कृषि कार्य के लिए भी 25 लाख किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण देने का योजना रखी गई है. इस तरह लगातार किसानों के लिए ही इस बजट में प्रावधान अधिक किए गए हैं.