भोपाल।माध्यमिक शिक्षा मंडल ने नए सत्र से बेस्ट ऑफ फाइव योजना को बंद करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है. जल्द ही इस योजना को बंद करने के आदेश जारी हो सकते हैं. राज्य शासन ने यह फैसला लगातार 10 वीं के बिगड़ते रिजल्ट को देखते हुए लिया है. स्कूल शिक्षा मंत्री के मुताबिक इस योजना से बच्चों के बीच गलत संदेश जा रहा है और बच्चे गणित और अंग्रेजी जैसे विषय में ही रुचि नहीं लेते.
क्या है बेस्ट ऑफ फाइव योजना :मध्यप्रदेश सरकार ने 7 जुलाई 2017 से बेस्ट ऑफ फाइव योजना लागू की थी. इस योजना के तहत एमपी बोर्ड के कक्षा 9 वीं और 10 वीं के स्टूडेंट्स छह सब्जेक्ट्स की परीक्षा देते थे, लेकिन परीक्षा परिणाम 5 सब्जेक्ट के नंबरों के आधार पर ही तैयार होता है. जिन पांच सब्जेक्ट में बच्चों के सबसे ज्यादा नंबर आते थे, उन्हें ही रिजल्ट में जोड़ा जाता है. इस तरह यदि एक सब्जेक्ट में स्टूडेंट्स फेल भी हो गया तो उसे पास कर दिया जाता है. स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा यह योजना इसलिए लाई गई ताकि कक्षा 10 वीं का रिजल्ट सुधारा जा सके, लेकिन इससे बच्चों की नींव कमजोर हो गई.
अंग्रेजी व गणित पर फोकस कम होने से दिक्कतें :दरअसल, इस योजना के बाद बच्चों का गणित और अंग्रेजी में फोकस कम हुआ, जिससे उनके लिए आगे की राह और कठिन हो गई. इसलिए अब इस योजना को बंद करने की तैयारी है.नई शिक्षा नीति के तहत समग्र मूल्यांकन को देखते हुए बोर्ड ने इस योजना को खत्म करने के लिए अक्टूबर 2020 में ही अनुशंसा की थी, लेकिन कोरोना के चलते यह प्रस्ताव अटक गया.
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स्कूल शिक्षा मंत्री ने दी सहमति :अब माध्यमिक शिक्षा मंडल ने इसे बंद करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर स्कूल शिक्षा विभाग को भेजा है. स्कूल शिक्षा मंत्री पहले ही इसे बंद करने पर अपनी सहमति दे चुके हैं. लिहाजा, जल्द ही इस योजना को बंद करने के आदेश जारी हो सकते हैं. इधर, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुताबिक जल्द ही बैठक होने जा रही है, इसमें इसे बंद करने को लेकर निर्णय लिया जाएगा. (Best of five will be closed) (MP Board 10th must pass all subjects) (Proposal for close best of five)