भोपाल।मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों उथल-पुथल जारी है, प्रदेश में संघ के सरकार को लेकर सर्वे और उसके बाद विधायकों से लेकर मंत्रियों की ग्राउंड रिपोर्ट के बाद सत्ता और संगठन सख्ते में है. अनुषांगिक संगठनों द्वारा कराए गए सर्वे में मिले फीडबैक के बाद से मंत्रियों और विधायकों की नींद उड़ी हुई है, अब शुक्रवार देर रात तक मुख्यमंत्री निवास पर बैठक हुई. इस बैठक में संघ के अनुषांगिक संगठनों के साथ राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा शामिल हुए.
शिक्षा और किसानों को लेकर हुई बैठक: संघ के एजेंडे में किसान और शिक्षा खास है. राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश शुक्रवार रात को ही दिल्ली से भोपाल पहुंचे थे और सीधे मुख्यमंत्री निवास बैठक में शामिल होने के लिए पहुंच गए. आरएसएस द्वारा ली गई इस बैठक में सरकार की नई शिक्षा नीति, पाठ्यक्रम में बदलाव और किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. खास तौर से जिन मंत्रियों से चर्चा की गई, उनमें कृषि मंत्री कमल पटेल, शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव और श्रम मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह मौजूद रहे.
संघ का सर्वे चौकाने वाला:सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में संघ द्वारा किए गए सर्वे को भी सामने रखा गया, जिसमें बताया गया कि किसान युवा और मजदूर पर ज्यादा फोकस करना है. सूत्रों की मानें तो संघ ने मंत्रियों और विधायकों की ग्राउंड रिपोर्ट अपने स्तर पर तैयार की है, जिसमें माना जा रहा है कि 2018 की तरह ही इस बार भी 12 से 15 मंत्रियों पर हार का खतरा मंडरा रहा है. संघ ने साफ कह दिया है कि अभी भी वक्त है और स्थितियां सुधार ली जाएंगी, तो फिर से बीजेपी सत्ता में आ जाएगी.