भोपाल।बदलाव से गुजर रही बीजेपी में और भी बहुत कुछ बदल रहा है. बीजेपी नेताओं के अफसोस के साथ उनके आपसी खींचतान भी अब सतह पर आ रही है. कहीं खुलकर कही इशारों में. लेकिन चुनावी साल की शुरुआत नेताओं की बेबाकी बता रही है कि बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. नए साल की अगुवाई करते शिवराज का दोहराना कि सरकरा के काम अच्छे नहीं होते तो इतना विशाल बहुमत नहीं आता. इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय का पुतला फूंका जाना और गोपाल भार्गव का दर्द कि नौ बार का विधायक मुख्यमंत्री के बराबर ही होता है. क्या बीजेपी की खींचतान बाहर आने लगी है.
तो क्या बीजेपी में सब ठीक नहीं चल रहा: बीजेपी के फैसले जो नेता से पहले जनता को चौंका गये, उनके साइड इफेक्ट्स अब दिखाई देने लगे हैं. एमपी में मुख्यमंत्री पद का नाम घोषित किए जाने के बाद बीजेपी की हारी हुई सीटों का सीन बदलने निकले शिवराज का शांत बैठ जाना और फिर वीडियो जारी करके करके अपनी ताकत दिखाना. साल के आखिरी दिन जारी किए गए शिवराज सिंह चौहान के वीडियो में निशाने कई साधे गए. इशारों इशारों में शिवराज फिर बता गए कि एमपी में बीजेपी की सरकार को मिला बहुमत उन्हीं की देन है.
इस वीडियो में शिवराज कहते हैं अगर हमारी सरकार के काम अच्छे नहीं होते तो बीजेपी को जनता इतना विशाल बहुमत नहीं देती. उन्होंने फिर उस लाड़ली बहना योजना का भी जिक्र किया. जिसे एमपी में बीजेपी की बड़ी जीत की वजह बता रहे हैं. इस वीडियो में शिवराज कहते हैं मन संतोष से भरा है, लेकिन उनका वीडियो जारी कर ये कहना कि एमपी में सरकार के कामकाज की बदौलत बीजेपी की भारी बहुमत मिला. इस बात की तस्दीक है कि वो संतुष्ट नहीं हैं.