भोपाल।मध्यप्रदेश में 18 साल तक मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह पद छोड़ने के बाद जितने खामोश दिख रहे हैं, उतने हैं नहीं. अंदर ही अंदर विरोध व उपेक्षा की आग धधक रही है. मंगलवार को उन्होंने अपने तेवर दिखाते हुए पार्टी हाईकमान को साफ मैसेज दे दिया है. उनका कहना है "अपने बारे में कुछ मांगने से पहले मैं मरना मुनासिब समझूंगा. इसलिए वह दिल्ली नहीं गए." अपने अंदर दबे गुस्से को प्रकट करने के बाद शिवराज ने मामले को हल्का करते हुए यह भी कहा "मेरी पार्टी मेरे बारे में फैसला करती है. मैंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि है कि पेड़ लगाने के लिए मुझे जगह दें. पेड़ लगाने के लिए जगह मिलती रहे. पार्टी ने मुझे बहुत कुछ दिया. 18 साल तक मुख्यमंत्री का पद दिया. अब मुझे पार्टी को देने का समय आ गया है."
इन बातों का मतलब समझिए :शिवराज सिंह चौहान ने कहा "मेरे प्रशासनिक सहयोगियों ने एक से एक योजनाएं बनाने और लागू कराने में सहयोग किया, उनका धन्यवाद. सीएम हाउस में मेरे सहयोगी कर्मचारियों का भी धन्यवाद. लाड़ली बहनों के प्यार के लिए धन्यवाद, मैं सदैव उनके साथ हूं." सीएम शिवराज ने प्रदेश की जनता से माफी मांगी और कहा "मेरे फैसले से किसी को को तकलीफ हुई हो तो मैं माफी मांगता हूं." बता दें कि सोमवार को मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री के रूप में डॉ. मोहन यादव को चुना गया है. हालांकि मोहन यादव को शिवराज का ही समर्थक माना जाता है. इसके अलावा जिन दो डिप्टी सीएम के रूप में राजेंद्र शुक्ल व जगदीश देवड़ा को चुना गया है, वे भी शिवराज के ही समर्थक हैं. लेकिन शिवराज के मन की टीस 24 घंटे बाद ही सामने आ गई. हालांकि इनके चयन के दौरान वह मुस्कराते रहे लेकिन चेहरे के हाव-भाव पर निराशा के भाव पढ़े जा सकते थे.
एक बार कड़ा अंदाज दिखा चुके हैं :याद रहे जब बीजेपी को दो लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान का नाम प्रत्याशी के रूप घोषित नहीं किया गया था तो उन्होंने ऐसा रंग दिखाया था कि दिल्ली की सल्तनत के कान खड़े हो गए थे. टिकट नहीं मिलने की कयासबाजी से परेशान होकर शिवराज ने जनसभा में मंचों से अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए जनता से पूछा था कि क्या शिवराज को चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं, बताओ शिवराज ने कैसी सरकार चलाई, क्या शिवराज को फिर से मुख्यमंत्री बनना चाहिए या नहीं. यहां तक तो ठीक है. इसके बाद शिवराज ने पीएम मोदी को लेकर ही जनता से सवाल करने शुरू कर दिए थे. शिवराज ने जनता से पूछा था कि क्या मोदी को फिर से पीएम चुनोगे या नहीं. शिवराज के ये तेवर देखकर आलाकमान के होश उड़े और फिर शिवराज को टिकट भी मिली और तवज्जो भी .