Lord Ram Entry In MP Elections: बीजेपी-कांग्रेस गा रहे रामधुन, क्या एमपी के चुनाव में दोनों पार्टियों को सता रहा हार का डर
किसी राज्य में चुनाव हो और धर्म का मुद्दा न उठे ऐसा भला हो सकता है. एमपी के चुनावी समर में इन दिनों राम मंदिर का मुद्दा गरमाया हुआ है. पहले तो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तारीख आना, उसके बाद पूर्व सीएम कमलनाथ का राम मंदिर पर बयान देना. फिर क्या था, एमपी में राम और सनातन को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में बहस शुरु हो गई है.
भोपाल।क्या राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान एमपी में खुलने से पहले ही बंद हो गई है...विकास पर वोट मांगने वाली बीजेपी को फिर राम का सहारा क्यों लेना पड़ रहा है, आखिर.....वोटर की आंखों पर धर्म की पट्टी बांधने की फिर तैयारी हो गई है. एमपी में विधानसभा चुनाव अभी शबाब पर नहीं आया. लेकिन समय रहते अयोध्या के राम मंदिर की एंट्री इस चुनाव में हो गई है, पर सवाल ये है कि क्या राम मंदिर का मुद्दा 31 साल बाद वोटर पर असर दिखा पाएगा. 30 साल पहले केवल बीजेपी राम नाम जप रह थी. अब तो कांग्रेस भी हिंदुत्व का राग छेड़े है.
सीएम शिवराज की पूजा करते हुए तस्वीर
एमपी के चुनाव में फिर हुई हिंदुत्व की एंट्री: एमपी के चुनाव में सॉफ्ट हिंदुत्व की एंट्री 2018 के विधानसभा चुनाव में ही हो गई थी, लेकिन इस बार चुनाव की शुरुआत से सॉफ्ट हिदुत्व की तरफ बढ़ते कमलनाथ ने राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान को पीछे छोड़ राम का ऐसा जयकारा लगाया कि पलटवार के लिए बीजेपी को मजबूर होना पड़ा. आखिर हिंदुत्व 1992 से बीजेपी का कॉपीराइट है. कांग्रेस हिंदुत्व से किनारा नहीं कर सकती, इसका अंदाजा तो खैर उसी समय लग गया था, जब जबलपुर में प्रियंका गांधी ने नर्मदा आरती के साथ चुनाव अभियान की शुरुआत की थी.
अब जिस तरह से कमलनाथ का बयान आया और उन्होंने कहा कि बीजेपी इस तरह से राम मंदिर की बात कर रही है, जैसे ये बीजेपी का मंदिर है. कमलनाथ के बयान इस समय मुद्दा बन रहे हैं. लिहाजा इस बयान पर भी राजनीति बढ़ी और पहले ही राम मंदिर निर्माण के क्रेडिट के साथ वोट मांग रही बीजेपी हमलावर हो गई.
बीजेपी का सवाल कमलनाथ सनातन पर जवाब दें:बीजेपी नेता रामेश्वर शर्मा ने पलटवार कर कमलनाथ से पूछा है कि आजकल कमलनाथ जिस तरह की बातें कर रहे हैं, उससे यह संदेह होने लगा है कि कमलनाथ आजकल कांग्रेस में हैं या उन्होंने अपनी अलग कमलनाथ कांग्रेस बना ली है. शर्मा ने कहा कि मैं कमलनाथ से यह पूछना चाहता हूं कि क्या उन्हें अपनी और कांग्रेस की गलतियों के बारे में पता नहीं है? क्या कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और उनके बेटे ने सनातन के विरोध में दिये गए बयान के लिए माफी मांग ली है? क्या करुणानिधि के पोते ने सनातन के अपमान के लिए माफी मांग ली है? रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कमलनाथ अपने पिछले पाप भूलते जा रहे हैं. 1992 में जब रामजन्म भूमि आंदोलन के दौरान गोलियां चली थीं, तब क्या कमलनाथ बच्चे थे? उन्होंने कहा कि कमलनाथ उस समय संसदीय परंपरा में थे, लेकिन उन्होंने इस घटना के विरोध में एक शब्द नहीं बोला.