भोपाल।सीएम शिवराज ने तो वैसे चौथी पारी की शुरुआत में ही अपने तेवर दिखा दिए थे कि मामा इस बार खतरनाक मूड में हैं , लेकिन 2022 में मामा ने कहने के बजाए करने पर अमल किया. पूरे साल शिवराज के एक्शन रिएक्शन चर्चा में रहे छाए रहे. कई जिलों में लापरवाह अधिकारियों की मंच से ही छुट्टी कर दी गई. हांलाकि इसी तरह के एक्शन में छिंदवाड़ा में दांव उल्टा पड़ गया क्योंकि यहां सीएमएचओ के निलंबन पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. चौथी पारी में 'नायक' की तरह दिखाई दे रहे शिवराज ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि मैं अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को गले लगाऊंगा और अपने कंधे पर ले जाऊंगा, लेकिन गलत काम करने वाले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे.
गृह मंत्री के सेंसर बोर्ड में अटकी कई फिल्में:दूसरे बयानवीर हैंगृह विभाग की जिम्मेदारी संभाल रहे मंत्री नरोत्तम मिश्रा, लेकिन जब आप गृह मंत्री के 2022 के बयान खंगालेंगे तो सारे एक्शन और रिएक्शन उनके सिनेमा पर ही ज्यादा दिखाई और सुनाई दिए. फिल्म सत्यानारायण की कथा से शुरु कीजिए फिर फिल्म आदिपुरुष से लेकर वेबसीरिज तांडव, अ सुटेबल बॉय, वेब सीरिज आश्रम -3 और एक निजी बैंक के विज्ञापन तक गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निगाहों के सेंसर से कुछ नहीं बचा. सनातन धर्म, भारतीय संस्कृति का अपमान इस कसौटी पर हर फिल्म को कसते रहे नरोत्तम मिश्रा ने जब साल के आखिर में शाहरुख खान स्टारर फिल्म पठान पर सवाल उठाया तो आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने तो गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बनाने की सलाह दे डाली. वैसे नए साल में मुमकिन है कि फिल्म निर्देशक ये संकल्प लें कि मंत्री नरोत्तम मिश्रा के सामने स्क्रीनिंग करवाने के बाद ही फिल्म सिनेमा हॉल तक पहुंचाई जाए.
पहले सफाई अब चप्पल छोड़ मंत्री जी:सिंधिया समर्थक मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के स्टंट 2020 से ही जारी हैं, लेकिन अब इनमें वैरायटी इतनी है कि आप ये भी भूल जाएंगे कि मंत्री जी हैं किस विभाग के. साल के आखिरी महीनों तो जबरदस्त सीन बनाया मंत्री जी ने. जब अपने विधानसभा क्षेत्र की सड़कों को लेकर साहब ने चप्पलें छोड़ दी. नए साल में एंट्री से पहले हांलाकि इन्हें चप्पलें पहनवा दी गई हैं. इसी तरह से जनाब अपने इलाके में जलजमाव की खबर लेने तड़के ही लोगों के घर पहुंच गए थे. दरवाजा खटखटाकर ये जानने की किसी को कोई दिक्कत तो नहीं है. इसके पहले उर्जा विभाग के मंत्री के नाली से लेकर टायलेट साफ करने का लंबा इतिहास रहा है. लेकिन स्टंटबाज मंत्रियों में इनका कोई मुकाबला नहीं है.