भोपाल। मध्यप्रदेश में युवाओं को रोजगार दिलाने और स्टार्टअप के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, लेकिन बैंकों से लोन नहीं मिलने के कारण यह धरी की धरी रह गईं. ऐसी ही एक योजना मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत युवा आवेदन तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा है. हालत यह है कि बैंकों द्वारा लोन नहीं दिए जाने की सीएम हेल्पलाइन में 13600 शिकायतें पहुंची हैं. इससे ये पता चलता है कि बैंक सरकार की बात नहीं मान रहे हैं.
केस स्टडी-1
अशोका गार्डन के निवासी आमिर अंसारी मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करना चाह रहे थे, इसको लेकर उन्होंने बैंक में लोन के लिए आवेदन किया तो पता चला कि पहले सीए से एक प्रोजेक्ट फाइल बनाकर लानी है. इसके बाद अप्रूवल होने पर केस बैंक के पास जाएगा और फिर लोन की प्रक्रिया शुरू होगी. आमिर अंसारी का कहना है कि लोन की प्रोसेस में दिक्कत यह है जब तक लेनदेन की बात ना करो,कोई भी अधिकारी गाइड नहीं करता है. बैंक भी बिना गारंटी के कोई लोन नहीं देती है.
केस स्टडी -2
करोंद निवासी लकी ग्रेजुएट हैं और अपना व्यवसाय शुरू करना चाह रहे थे. उद्यम क्रांति योजना के तहत लकी ने बैंक में आवेदन किया, लेकिन बैंक से लोन दिलाने वाले दलालों और बैंक के चक्कर काटने के बाद उन्हें निराशा ही हाथ लगी. बैंक वालों ने साफ तौर पर कहा कि सरकार तो 5 साल में बदल जाएगी, हम वसूली के लिए कहां चक्कर काटते रहेंगे. इसलिए बैंक गारंटी देना जरूरी है, तभी लोन मिल पाएगा.
क्या है मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के नाम पर युवाओं को स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए स्थापित तीन योजनाओं के स्थान पर मुख्यमंत्री उद्योग क्रांति योजना 13 मार्च 2021 से शुरू की थी. इस योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले लोन की गारंटी सरकार द्वारा बैंक को दी जाती है, इसका मतलब यह है कि हितग्राही को कोई भी गारंटी लोन प्राप्त करने के लिए बैंक को नहीं देनी होगी. सरकार द्वारा हितग्राहियों को ऋण पर ब्याज सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है. इस योजना के तहत 50 हजार से लेकर एक करोड़ तक का लोन बैंक से स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए दिया जाता है.