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MP बैंक नहीं मानते 'शिवराज की गारंटी': लोन के लिए लाइन में 836 आवेदन, सिर्फ 9 को मिला कर्ज - एमपी लेटेस्ट न्यूज

प्रदेश में रोजगार के साधन बढ़े इसके लिए सरकार प्रयासरत है, लेकिन बैंकिंग सिस्टम का पूरा साथ नहीं मिल रहा है. शिवराज सरकार ने मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत युवाओं को बगैर गारंटी लोन दिए जाने की बात थी, लेकिन अब तक महज एक फीसदी लोन स्वीकृत हुए हैं. (Mukhymantri Udyam kranti Yojana)

Mukhymantri Udyam kranti Yojana
मध्य प्रदेश में बैंक नहीं मानते सरकार की बात

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Published : Feb 8, 2022, 9:10 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में युवाओं को रोजगार दिलाने और स्टार्टअप के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, लेकिन बैंकों से लोन नहीं मिलने के कारण यह धरी की धरी रह गईं. ऐसी ही एक योजना मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत युवा आवेदन तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा है. हालत यह है कि बैंकों द्वारा लोन नहीं दिए जाने की सीएम हेल्पलाइन में 13600 शिकायतें पहुंची हैं. इससे ये पता चलता है कि बैंक सरकार की बात नहीं मान रहे हैं.

केस स्टडी-1
अशोका गार्डन के निवासी आमिर अंसारी मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करना चाह रहे थे, इसको लेकर उन्होंने बैंक में लोन के लिए आवेदन किया तो पता चला कि पहले सीए से एक प्रोजेक्ट फाइल बनाकर लानी है. इसके बाद अप्रूवल होने पर केस बैंक के पास जाएगा और फिर लोन की प्रक्रिया शुरू होगी. आमिर अंसारी का कहना है कि लोन की प्रोसेस में दिक्कत यह है जब तक लेनदेन की बात ना करो,कोई भी अधिकारी गाइड नहीं करता है. बैंक भी बिना गारंटी के कोई लोन नहीं देती है.

मध्य प्रदेश में बैंक नहीं मानते सरकार की बात

केस स्टडी -2
करोंद निवासी लकी ग्रेजुएट हैं और अपना व्यवसाय शुरू करना चाह रहे थे. उद्यम क्रांति योजना के तहत लकी ने बैंक में आवेदन किया, लेकिन बैंक से लोन दिलाने वाले दलालों और बैंक के चक्कर काटने के बाद उन्हें निराशा ही हाथ लगी. बैंक वालों ने साफ तौर पर कहा कि सरकार तो 5 साल में बदल जाएगी, हम वसूली के लिए कहां चक्कर काटते रहेंगे. इसलिए बैंक गारंटी देना जरूरी है, तभी लोन मिल पाएगा.

अबतक एक फीसद लोन हुए पास


क्या है मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना
राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री के नाम पर युवाओं को स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए स्थापित तीन योजनाओं के स्थान पर मुख्यमंत्री उद्योग क्रांति योजना 13 मार्च 2021 से शुरू की थी. इस योजना के तहत प्रदान किए जाने वाले लोन की गारंटी सरकार द्वारा बैंक को दी जाती है, इसका मतलब यह है कि हितग्राही को कोई भी गारंटी लोन प्राप्त करने के लिए बैंक को नहीं देनी होगी. सरकार द्वारा हितग्राहियों को ऋण पर ब्याज सब्सिडी भी प्रदान की जा रही है. इस योजना के तहत 50 हजार से लेकर एक करोड़ तक का लोन बैंक से स्वयं का रोजगार स्थापित करने के लिए दिया जाता है.

अबतक एक फीसद लोन हुए पास
जानकारी के मुताबिक, भारतीय स्टेट बैंक को 224, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 157, बैंक ऑफ इंडिया को 89, यूनियन बैंक को 83, पंजाब नेशनल बैंक को 76, और बैंक ऑफ बड़ौदा को 50,कुल मिलाकर 836 आवेदन भेजे गए थे, जिनमें 48 प्रोसेस में है और केवल 9 ही आवेदन पर लोन स्वीकृत हुए हैं. आंकड़ों में देखें तो महज 1.07 प्रतिशत लोन बैंक ने अबतक पास किए हैं.

स्टार्टअप के लिए लोन देने की योजना

सीएम ने बैंकों को चेताया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैंकों को चेताते हुए कहा है कि यदि बैंकों की तरफ से प्रगति संतोषजनक नहीं है तो वह इससे वित्त मंत्रालय और भारत सरकार को भी अवगत कराएंगे. बता दें कि वित्तीय वर्ष 2021 के लिए 5000 युवाओं को लोन देने का टारगेट मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत किया गया था, लेकिन अभी तक बैंकों द्वारा लोन दिए जाने का आंकड़ा दहाई में भी नहीं पहुंचा. वहीं सीएम ने साफ कहा कि निर्धारित लक्ष्य को मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है.

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रोजगार के वादे कोरी घोषणाएं!
बेरोजगारी को लेकर लगातार सरकार पर हमला करने वाली मप्र युवा कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष विवेक त्रिपाठी का कहना है कि सरकार द्वारा रोजगार के वादे तो किए जा रहे हैं, लेकिन युवा दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं. मुख्यमंत्री ने पूर्व की कई योजनाओं को बंद करके उद्यम क्रांति योजना शुरू की थी, इसमें दावा किया गया था कि बेरोजगारों को मेले लगाकर रोजगार दिया जाएगा. लेकिन हालत ये हो गई है कि बैंकों में युवा आवेदन लगा रहे हैं लेकिन बैंक लोन नहीं दे रहे.

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