भोपाल।मध्य प्रदेश में 19 दिसंबर से शुरू हो रहे शीतकालीन सत्र में कांग्रेस सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी कुछ अलग रणनीति के साथ कर रही है. कांग्रेस ने अपने विधायकों को विभागवार जिम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस ने आक्रामकता से सरकार को घेरने के लिए जहां युवा विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है, तो वहीं पूर्व मंत्री जिनके पास विभाग रहे उन्हें विभागवार ये जिम्मेदारी सौंपी है कि तैयारी करके रखे और सरकार को गंभीर मुद्दों पर घेरे.
खाद की कमी, कानून व्यवस्था, लगातार कर्ज उठाना जैसे मुद्दे सदन में गूंजेंगे :नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अपनी रणनीति बना ली है, जिसमें यह तय हुआ है कि सरकार को घेरने के लिए प्रदेश में खाद की समस्या को लेकर लेकर सदन के अंदर कांग्रेस चर्चा करवाने की मांग करेगी, वहीं यदि मांग नहीं मानी गई तो कांग्रेस इस पर श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग कर सकती है. इस मुद्दे पर पूर्व कृषि मंत्री सचिन यादव और कुछ युवा विधायकों को आगे किया जाएगा.
पूर्व मंत्रियों को दी गई विभागों की कमियों को उजागर करने की जिम्मेदारी: प्रदेश की आर्थिक स्थिति और लगातार लिए जा रहे कर्ज को लेकर भी कांग्रेस इस बार सरकार को सदन के अंदर घेरने की तैयारी में है. इस पर पूर्व मंत्री तरुण भनोत और उनके साथ तीन अन्य पूर्व मंत्री भी सरकार को प्लानिंग के तहत घेरने का काम करेंगे. [MP Assembly Winter Session 2022 ]
भ्रष्टाचार पर जीरो टारलेंस पर भी सरकार को घेरा जाएगा:प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर भी सरकार को घेरेन की तैयारी की जा रही है. इसे लेकर भी कुछ विधायकों से सवाल भी लगवाए गए हैं. भ्रष्टाचार पर जीरो टारलेंस पर भी सरकार को घेरा जाएगा. लोकायुक्त डीजी के पद से कैलाश मकवाना को हटाने का मामला भी कांग्रेस ध्यानाकर्षण के जरिए सदन में लाने का प्रयास करेगी.
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इस सत्र में कांग्रेस नहीं लाएगी अविश्वास प्रस्ताव:सत्र शुरू होने के पहले कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी, लेकिन कांग्रेस राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त रही, जिसके चलते फैसला लिया गया है कि इस सत्र में अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा. अगले बजट सत्र में सरकार के खिलाफ पूरी तैयारी से अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.
कांग्रेस के मुद्दों पर आक्रामक तरीके से जवाब देने की रणनीति बना रही है सरकार:बीजेपी सरकार सदन में कांग्रेस के सवालों से बचने की रणनीति बनाने में जुट गई है. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस के जवाब नहीं दिए जायेंगे, बल्कि कांग्रेस के खिलाफ हमला बोलकर मुद्दे से भटकाने की कोशिश सत्ताधारी पार्टी की होगी. मंत्रियों से कहा गया है कि कांग्रेस जिन मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगेगी उन मुद्दों पर सत्ताधारी दल को कहना है कि हमने तो जनहित में फैसले लिए, लेकिन आपकी सरकार आई तो आपने तो खुद के फायदे की सोची. जनता को कांग्रेस सरकार ने धोखा दिया और अपने वादे से मुकरी.