भोपाल। विधानसभा का मानसून सत्र आज से प्रस्तावित है, इससे पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने विधायक दल की बैठक बुलाकर सदन में सरकार को घेरने की रणनीति तैयार की, जिसमें आदिवासी, बाढ़ प्रभावित क्षेत्र और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाएगी. कांग्रेस विधायक दल की बैठक में तय हुआ कि कांग्रेस आक्रमक तेवर अपनाएगी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ व नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से मिलकर आदिवासी वर्ग का मुद्दा भी उठाया है. आज विश्व आदिवासी दिवस है और आज ही विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है, लिहाजा कांग्रेस को ये मुद्दा वक्त के हिसाब से सबसे मुफीद लगता है.
राज्यपाल से मिला कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल
प्रतिनिधिमंडल के साथ कमलनाथ ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात कर 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस पर अवकाश घोषित किए जाने की मांग की, साथ ही कई जिलों में धारा 144 लगाकर इस दिवस को मनाने से रोकने की सरकार की शिकायत राज्यपाल से की. इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में आदिवासी वर्ग के बैकलॉग पदों पर अन्य वर्ग के लोगों की भर्ती किये जाने का भी मुद्दा उठाया है, जबकि नेमावर हत्याकांड की सीबीआई जांच और खंडवा सहित कई जिलों में आदिवासियों के मकान तोड़ने पर हस्तक्षेप करने की मांग की है, उन्होंने इसे वन अधिकार कानून का उल्लंघन बताया है, इन सब मुद्दों को लेकर कांग्रेस विधायकों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिला था.
आदिवासी और हरिजन शब्द असंसदीय
कांग्रेसियों से राज्यपाल की यह मुलाकात साफ बता रही है कि कांग्रेस आदिवासी मुद्दे पर मुखर हो रही है और वह सरकार को इस मुद्दे पर घेरेगी, दूसरा मुद्दा रहेगा बाढ़ग्रस्त इलाकों में सरकार की तरफ से कोई राहत नहीं पहुंचाना, उनका मानना है कि शिवराज सरकार से जनता को अभी तक घोषणा ही मिली है, वहीं शिवराज सरकार आदिवासी विरोधी सरकार का नारा भी विधानसभा में गूंजेगा, आदिवासी और हरिजन शब्द को भी विधानसभा ने माना असंसदीय शब्द.
हंगामेदार हो सकता है विधानसभा का मानसून सत्र, विपक्ष ने की बेरोजगारी, महिला अपराध पर चर्चा की मांग
कांग्रेसी दिखाएंगे आक्रमक तेवर
विधानसभा में ग्वालियर-चंबल में आई बाढ़ के बाद सरकार के नाकाफी इंतजाम और जनता के लिए सिर्फ वादों पर कांग्रेस सदन में हंगामा करती नजर आएगी, विधायक दल की बैठक में कमलनाथ ने साफ संकेत दिए हैं कि जिन इलाकों में बाढ़ आई है, वहां पर खाने-पीने की व्यवस्था नहीं की गई है, सब कुछ नष्ट हो चुका है, सड़कें टूट गई हैं, पुल टूट गए हैं, आधारभूत संरचना पूरी तरह से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है, कांग्रेस सदन में आरोप लगाएगी कि शिवराज सरकार के मंत्री का काम सिर्फ पैसा कमाना है, वसूली करना है क्योंकि उनको पता है कि अगली बार सरकार बननी नहीं है, आज दलाल और बड़े व्यापारी मंत्रियों के आसपास नजर आ रहे हैं.
'2 साल बचे हैं मैदान में डट जाएं कांग्रेसी'
कमलनाथ ने अपने विधायकों से मैदान में उतरने को कहा है, नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 2 वर्ष चुनाव में बाकी हैं, अभी से जुड़ जाएं, समय कम है जनता कांग्रेस की ओर आशा भरी निगाहों से देख रही है, जनता महंगाई से परेशान है, किसान-युवा हर वर्ग परेशान है और इस परेशानी को दूर करने के लिए कांग्रेस मैदान में पहुंचे, वहीं ओबीसी वर्ग को 14% से 27% आरक्षण मामला भी विधानसभा में गूंजेगा, कांग्रेस आरोप लगा रही है कि कमजोर पैरवी के चलते शिवराज सरकार ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रशिक्षण प्रतिशत आरक्षण नहीं दिला पाई. कमलनाथ के बंगले पर विधायक दल की बैठक में एक ही रणनीति बनी कि हर हाल में सत्र में सरकार को घेरना है और यह मुद्दा भी उठाना है कि सरकार जनहित के मुद्दों से बचना चाहती है, इसी वजह से सत्र को जानबूझकर कम समय के लिए बुलाया गया है.
विधानसभा में असंसदीय भाषा के मुद्दे पर होगा हंगामा!
फेंकू और तड़ीपार शब्द किताब में नहीं शामिल किया गया है, आदिवासी और हरिजन शब्द को भी विधानसभा ने असंसदीय माना है, जिस पर कांग्रेस का कहना है कि 1100 से ज्यादा असंसदीय शब्दों की किताब को जारी कर दी गई, लेकिन आश्चर्य है कि इस किताब में तड़ीपार और फेंकू शब्द नहीं है, सबको पता है किसको ध्यान रख कर कहे जाते हैं ये 2 शब्द. ऐसे में कांग्रेस फेंकू और तड़ीपार शब्दों का इस्तेमाल कर सकती है, कांग्रेस के पास कहने को है कि यह शब्द आपने असंसदीय नहीं माना है.