भोपाल। एमपी में हुए 2018 के विधानसभा चुनाव को बीजेपी कैसे भुला सकती है. महिलाओं का वोट साधने के लिए खुद सीएम शिवराज हर तरह का प्रयास कर रहे हैं. एमपी में झाबुआ, अलीराजपुर, बालाघाट, मंडला, धार और डिंडोरी जिले की विधानसभा में 50 से ज्यादा ऐसी सीटें हैं जहां महिला वोटर्स की भूमिका निर्णायक हैं लेकिन सवाल यह उठता है कि, क्या लाडली बहना 2023 के चुनाव में शिवराज के लिए मिशाल बनकर उभरेगी?
बीजेपी की रणनीति:इन सीटों पर लाडली बहनों की संख्या पुरुषों से अधिक है. चौकाने वाली बात यह है कि इनमें ज्यादातर सीटें आदिवासी अंचलों की हैं जहां विधानसभा 2018 के चुनाव में भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. झाबुआ, आलीराजपुर, जिले में महिला मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. भाजपा इन जिलों में अपने जनाधार बढ़ाने के लिए विशेष रणनीति पर काम कर रही है.
मतदाताओं का समीकरण
- एमपी में 5 करोड़ 39 लाख 87 हजार वोटर्स हैं.
- महिला मतदाताओं की संख्या 2 करोड़ 60 लाख 23 हजार है.
- एमपी में 47 आदिवासी सीटों में 2018 के चुनाव में BJP के हिस्से सिर्फ 16 सीटें आई थी.
- विधानसभा चुनाव 2013 में BJP ने 31 आदिवासी सीटों में जीत हासिल की थी.