Political History of Kailash Vijayvargiya: फिर वहीं भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव.. जानें आकाश का बल्ला और कैलाश विजयवर्गीय की एकदम नई पिच - Kailash Vijayvargiya
MP Assembly Election 2023: मध्यप्रदेश बीजेपी की दूसरी लिस्ट की चर्चाएं कम होने का नाम नहीं ले रही है. बात अगर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की करें तो इंदौर 1 से वह प्रत्याशी बनाए गए हैं. इंदौर 1 में विजयवर्गीय का यह मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है.
भोपाल।आशीर्वाद के लिए झुकने वाले हाथ मुकाबले में खड़े हो जाएं ये केवल राजनीति में ही हो सकता है...कांग्रेस की ओर से इंदौर एक नंबर सीट से संजय शुक्ला को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद....जो कि लगभग तय भी था, इंदौर की इस हाईप्रोफाईल सीट का चुनाव और दिलचस्प हो गया है. विजयवर्गीय जिसे सबसे आसान कह रहे हैं, असल में ये उनके जीवन का सबसे मुश्किल चुनाव है....कि जिसके नतीजे सिर्फ एक सीट पर बीजेपी कांग्रेस की जीत हार तय करने वाले नहीं होंगे. चार साल पहले आकाश विजयवर्गीय ने इंदौर में जिस रौब से बल्ला घुमाया था..बीजेपी में लंबे समय से मालवा की कमान संभाले कैलाश का अपने बेटे आकाश को उत्तराधिकारी बनाने का ख्वाब तो उस छूटे बल्ले के साथ ही टूट गया था, लेकिन क्या तभी ये नई पिच भी तैयार हो गई थी. खिलाड़ी का सिलेक्शन भले इस चुनाव की बात हो, आकाश को जमीन दिखाने से लेकर कैलाश को मैदान में लाने तक परतें कई हैं.
कैलाश विजयवर्गीय
आकाश का बल्ला और कैलाश की पिच: पांच राज्यों के चुनाव में देश की जिन चर्चित सीटों की चर्चा है, उनमें एक सीट इंदौर की एक नंबर सीट भी है. जहां से पार्टी के कद्दावर नेता कैलाश विजयवर्गीय चुनाव मैदान में उतर गए हैं. कैलाश विजयवर्गीय पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव मैदान में उतर गए या उतार दिए गए ये भी साफ हो चुका है. अब चर्चा ये है कि कैलाश का मुकाबला भी उन संजय शुक्ला से है, जो कैलाश विजयवर्गीय का आशीर्वाद लेकर ही सियासत में आगे बढ़े हैं.
बेटे आकाश के साथ कैलाश विजयवर्गीय
बीजेपी में चौंकाने वाले फैसले बेशक अभी लिये जा रहे हों, लेकिन यही एक पार्टी है जिसमें अचानक कुछ नहीं होता. बल्कि हर निर्णय के पीछे गहरा मंथन और चिंतन होता है. इस लिहाज से इंदौर की एक नंबर से कैलाश विजयवर्गीय की उम्मीदवारी को भी देखा जाए. क्या-क्या चार साल पहले तय हो गया था कि वंशवाद की बेल को बीच में ही काटने ये प्रयोग होगा और नगर निगम कर्मचारी पर चले आकाश के बल्ले ने इस फैसले में पार्टी की मुश्किल आसान कर दी.
बीजेपी में शोले के ठाकुर भी रहे हैं कैलाश विजयवर्गीय:इसमें दो राय नहीं कि एमपी की राजनीति में शिवराज की टक्कर के राजनेता कैलाश हैं. जो लंबे समय से सीएम इन वेटिंग रहे हैं. शिवराज के बाद सीएम पद के सबसे मजबूत दावेदारों में गिने जाते रहे हैं. इंदौर का ही वाकया है याद कीजिए करीब बारह साल पहले का वो वाकया जिसमें इंदौर में कैलाश विजयवर्गीय ने खुद को शोले का ठाकुर बता दिया. अर्थ ये था कि अपनी ही सरकार में उनका रुतबा कम कर दिया गया है, उन्होंने सार्वजनिक मंच से कहा था कि मैं शोले का ठाकुर हूं मेरे हाथ बंधे हुए हैं. इस समय राष्ट्रीय राजनीति का रुख कर चुके कैलाश आकाश के लिए पिच तैयार कर रहे थे और देखिए एक फैसले के साथ फिल्म रिवाइंड मोड पर चली गई. 2023 के पहले 2013 के विधानसभा चुनाव में महू विधानसभा सीट से चुनाव लड़े कैलाश विजयवर्गीय ने लगातार 6 बार की जीत का रिकार्ड बनाया था. 6 बार जो चुनाव जीता वो भी कुल तीन सीटों पर. इंदौर 4 नंबर, इंदौर 2 नंबर, और महू. अब इंदौर की एक नंबर सीट से सियासत दांव पर है. एक झटके में कैसे कैलाश विजयवर्गीय की सियासी फिल्म रिवाइंड मोड पर है. जहां से शुरु हुए थे फिर वहीं. (Kailash Vijayvargiya Political History)