भोपाल।विधानसभा चुनाव को अब कुछ महीने की बचे हैं और ऐसे में बीजेपी नहीं चाहती कि किसी भी तरह की कोई गलती हो. लिहाजा केंद्र ने खुद चुनावी कमान किसी को न देकर अपने हाथ में रखी है. अमित शाह के 15 दिन में तीन दौरे इस बात के संकेत हैं कि इस बार प्रदेश में बीजेपी की तरफ से कोई गलती नहीं होना चाहिए. अब चाहे वो कोर ग्रुप के साथ बैठक हो या फिर कार्यकर्ताओं को बूस्ट अप करने की, सभी बैठकें खुद अमित शाह ले रहे हैं. खास बात ये है कि शाह ने भोपाल में जो बैठक ली थी उसमें बड़े नेताओं को बुलाकर चुनावी फीडबैक के साथ साथ इंटर्नल फीडबैक भी लिया था.
तीन केंद्रीय मंत्री मोदी और शाह की गुड बुक में:केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव अभियान समिति और दो केंद्रीय मंत्रियों को प्रदेश चुनाव प्रभारी बनाया गया है. अमित शाह को चुनाव में जीत चाहिए. यही वजह है कि तीन केंद्रीय मंत्रियों को चुनावी जिम्मेदारी दी गई है. ये माना जाता है कि तीनों केंद्रीय मंत्री मोदी और अमित शाह की गुड बुक में हैं. नरेंद्र सिंह तोमर का प्रदेश में अच्छा वर्चस्व है और खासतौर से सभी के बीच समन्वय बनाने के लिए तोमर जाने जाते हैं. 2013 में भी तोमर को चुनावी जिम्मेदारी दी गई थी, जिसमें पार्टी ने बड़े मार्जिन से जीत हासिल की थी.
गुटबाजी को लेकर भी शाह की नसीहत: प्रदेश में इस वक्त बीजेपी में गुटबाजी खुले तौर पर सामने आने लगी है. लेकिन गुटबाजी को दूर करने और नाराज लोगों की नाराजगी दूर करने के लिए ऐसे लोगों को शाह के निर्देश पर चुनाव समितियों में रखा गया जो बेबाकी से अपनी बात रखते हैं और पार्टी को समय समय अपर आइना दिखाते रहते हैं.