भोपाल। क्या 2023 के विधानसभा चुनाव में इस बार एमपी से लेकर राजस्थान तक मध्यप्रदेश के अफसर भी चुनावी दम दिखाते नजर आएंगे. पॉलीटिक्स में फिक्स होने की चाहत में चर्चा है कि छतरपुर के लवकुश नगर की एसडीएम निशा बांगरे आमला से चुनाव लड़ने की हसरत में नौकरी से इस्तीफा देने भी तैयार हैं. उधर राजस्थान के राजखेड़ा विधानसभा सीट से एमपी के आईपीएस पवन जैन को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग जनता के बीच से उठ रही है. अटकलें हैं कि खुद पवन जैन ने भी बीजेपी के टिकट पर इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की ख्वाहिश जाहिर की है. धौलपुर जिले का राजाखेड़ा पवन जैन का पुश्तैनी इलाका है ये. पवन जैन पिछले 25 साल से इस इलाके में समाज सेवा का काम कर रहे हैं और अपनी सारी पुश्तैनी संपत्ति समाज सेवा के लिए समर्पित कर चुके हैं. 31 जुलाई को अपने पद से रिटायर हो रहे पवन जैन का टिकट अगर फाइनल होता है तो वे वीआरएस भी ले सकते हैं.
चुनाव लड़ने नौकरी से इस्तीफा देने भी तैयार, राजस्थान से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं MP के IPS पवन जैन - एमपी विधानसभा चुनाव 2023
मध्यप्रदेश में प्रशासनिक अधिकारियों के चुनाव लड़ने की चर्चाएं चुनाव आते ही जोर पकड़ने लगी है. एक तरफ लवकुश नगर की एसडीएम निशा बांगरे तो दूसरी तरफ राजस्थान के राजखेड़ा सीट से एमपी के आईपीएम पवन जैन को उम्मीदवार बनाए जाने की मांग उठ रही है.
राजनीति के लिए राजस्थान क्यों रास आया: पवन जैन अपने नौकरी की वजह से मध्यप्रदेश में रहे हों, लेकिन अपनी जन्मभूमि और जड़ों से जुड़ाव यहां आने के बाद भी नहीं छूटा. पवन जैन का परिवार उनकी माता अब भी राजाखेड़ा में ही रहती हैं. 25 साल से लगातार राजाखेड़ा में पवन जैन बेहद खामोशी से समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं. यहां वे निरंतर 25 सालों से निशुल्क चिकित्सा शिविर भी लगा रहे हैं. इसके अलावा अपनी पैतृक संपत्ति को भी उन्होंने जनसेवा के लिए समर्पित कर दिया है. राजाखेड़ा के नौजवान आईपीएस पवन जैन को अपने बीच से निकले उस आदर्श की तरह देखते रहे हैं, जिन्होंने इस पूरे इलाके का नाम रोशन किया. जानकारी के मुताबिक पहला दबाव जनता का ही था कि पवन जैन को इस इलाके का नेतृत्व करना चाहिए. चूंकि उनके भाई भी बीजेपी के जिलाध्यक्ष हैं. बीजेपी की विचारधारा से जुड़ाव भी रहा, लिहाजा पवन जैन ने बीजेपी से ही चुनाव ल़ड़ने की इच्छा जताई है.
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लीक से हटकर काम करते रहें हैं पवन जैन:1987 बैच के भारतीय पुलिस सेवा क अधिकारी पवन जैन कवि भी हैं. हमेशा लीक से हटकर काम करने के आदी भी. 2003 में बीजेपी सरकार में संस्कृति विभाग की जवाबदारी सौंपी गई थी. तब ये चर्चा हुई थी कि डंडा चलाने वाले कला संस्कृति को कैसे समझ पाएंगे, लेकिन पवन जैन ने उस भूमिका को भी बेहतर ढंग से निभाया और उल्लेखनीय पारी दर्ज की. छात्र जीवन से एबीवीपी से जुड़ाव रखने वाले पवन जैन का परिवार बीजेपी विचाधारा का है, लिहाजा चुनावी राजनीति में वे बीजेपी के ही टिकट पर चुनाव लड़ने के इच्छुक बताए जाते हैं. आईपीएस अफसर के साथ कवि पवन जैन के भाषण के वीडियो अभी से राजाखेड़ा में वायरल होने लगे हैं.