MP Election 2023: बीजेपी के टिकट बांटते ही कांग्रेस में खलबली, 1 घंटे के भीतर बदला प्रभारी, रणदीप सुरजेवाला को मिली ये जिम्मेदारी
एमपी कांग्रेस में भी बड़ा फेरबदल हुआ है. कांग्रेस ने सांसद रणदीप सुरजेवाला को एमपी के सीनियर ऑब्जर्वर के बाद अब राज्य का ही प्रभारी महासचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.
रणदीप सुरजेवाला
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Published : Aug 17, 2023, 6:21 PM IST
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Updated : Aug 17, 2023, 10:55 PM IST
भोपाल। मध्यप्रदेश में कुछ महीनों में चुनाव होना है. गुरुवार को दो बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से दो बड़े चौकाने वाले फैसले लिए गए. पहले बीजेपी ने जहां चुनावी तारीखों के ऐलान से पहले प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. वहीं अब खबर आ रही है कि एमपी कांग्रेस में भी बड़ा फेरबदल हुआ है. कांग्रेस ने सांसद रणदीप सुरजेवाला को एमपी के सीनियर ऑब्जर्वर के बाद अब राज्य का ही प्रभारी महासचिव का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है.
क्यों रणदीप सुरजेवाला को दी MP की जिम्मेदारी:इससे पहले रणदीप सुरजेवाला कर्नाटक का चुनाव प्रबंधन देख चुके हैं. कर्नाटक में उन्होने कांग्रेस के भीतर बड़े नेताओं के बीच के मनमुटाव को काफी बेहतर तरीके से संहाला था. साथ ही पूरे चुनाव में कहीं भी गुटबंदी देखने को नहीं मिली थी. लिहाजा अपने आजमाए हुए प्रयोग के जरिए कांग्रेस मध्य प्रदेश में भी परफॉर्मेंस को सुधारना चाहती है. साथ ही किसी किस्म के राजनीतिक विवाद को उपजने से पहले ही उसे खत्म करना चाहती है.
सुरजेवाला लोकसभा चुनाव के लिए करेंगे प्रबंधन: रणदीप को एमपी में सीनियर ऑब्जर्वर के जरिए कांग्रेस गुटों में बंटी राजनीति पर कसकर लगाम लगाना चाहती है कम से कम विधानसभा चुनाव तक. प्रभारी महासचिव के अतिरिक्त जिम्मेदारी के जरिए पार्टी लोकसभा चुनाव में भी अपने परफॉर्मेंस को सुधारना चाहती है. 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने राज्य में बेहतर परफॉर्म किया था. मगर यह 2019 में लोकसभा चुनाव तक कायम नहीं रह पाया. हाल ही में रणदीप सुरजेवाला अपने असुर वाले बयान को लेकर काफी सुर्खियों में रहे हैं. ऐसे में उनके इस अग्रेशन को भी पार्टी चुनाव प्रचार में भी कैश कराना चाहती है.
पिछले 4 माह से सक्रिय नहीं थे अग्रवाल: कांग्रेस ने पिछले साल सितंबर माह में मुकुल वासनिक को मध्यप्रदेश प्रभारी महासचिव के पद से हटाकर दिल्ली के जय प्रकाश अग्रवाल को मध्यप्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी थी. प्रदेश की जिम्मेदारी संभालने के बाद शुरूआत में तो जेपी अग्रवाल ने कई जिलों के लगातार दौरे किए, लेकिन बाद में कुछ मुद्दों को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ उनका समन्वय नहीं बैठ सका. अग्रवाल ने कई मुद्दों पर प्रदेश के नेताओं को पार्टी लाइन के बारे में बताते रहे. बताया जाता है कि कमलनाथ को उनके समर्थकों द्वारा खुले रूप से भावी सीएम प्रजेंट करने के मामले में जिस तरह से खुले मंच पर जेपी अग्रवाल ने इसे गलत बताया. उसको लेकर कमलनाथ नाराज हो गए. इसके बाद कई और मुद्दों को लेकर दोनों नेताओं के बीच विचार नहीं मिल सके. बताया जा रहा है कि कमलनाथ ने इसको लेकर पार्टी हाईकमान को भी बता दिया था. इसके चलते जेपी अग्रवाल ने पिछले 4 माह में प्रदेश के दौरे भी कम किए. वह सिर्फ बड़े नेताओं के मध्य प्रदेश दौरे के समय ही दिखाई दिए. हालांकि अब कांग्रेस ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सुरजेवाला को मध्य प्रदेश का प्रभारी महासचिव बना दिया है. उनकी राहुल गांधी से अच्छी नजदीकी है. साथ ही कमलनाथ के साथ भी उनकी खूब पटरी बैठती है.