भोपाल। क्या 2018 में जीत हार की चाबी अपने हाथ लिए किसान इस बार फिर एमपी की तकदीर लिखेंगे. कर्जमाफी के मुद्दे पर सत्ता में आए कमलनाथ ने एक बार फिर किसानों को सियासी मुद्दे के तौर पर पेश करना शुरु कर दिया है. सीएम शिवराज ने पूर्व सीएम कमलनाथ से सवाल पूछने का जो क्रम शुरु किया था. वो सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए अब कमलनाथ ने पूछा है कि पीएम सम्मान निधि में लाखों किसानों के पास पैसे वापस करने का नोटिस क्यों आ रहा है.
कमलनाथ ने सीएम शिवराज से ये भी पूछा है कि कमलनाथ सरकार में किसानों को जो 160 रुपए बोनस दिया गया था, वो आपकी सरकार में बंद क्यों किया गया. पलटवार में सीएम शिवराज ने कहा कमलनाथ जी से मेरा पहला सवाल यही है कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि में जब प्रधानमंत्री पैसे दे रहे थे, उस वक्त पात्र किसानों की सूची मांगी जा रही थी, तब सूची दे देते तो कमलनाथ का क्या बिगड़ जाता. आप सूची लटकाते रहे. अगर किसानों के खाते में छह हजार रुपए आता तो आपका क्या जाता, कमलनाथ ये बताएं नाम जोड़े क्यों नहीं थे. शिवराज ने कहा कि किसानों को उनकी उपज का भुगतान तीन दिन के अंदर जिस तरह किसान चाहेगा कर दिया जाएगा. सीएम ने कहा कि कमलनाथ भुगतान तो दूर मुझे वो दिन याद है, जब किसानों की अनाज भीगकर नई भी आ गई. शिवराज ने कहा कि सवाल इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि कमलनाथ झूठ बोलते हैं.
झूठ बोलते हैं कमलनाथ इसलिए सवाल पूछ रहा हूं सवाल: सीएम शिवराज ने भी किसानों के मुद्दे पर सवाल किया. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री सम्मान निधि में पीएम पैसे दे रहे थे तब कमलनाथ ने पात्र किसानों की सूची क्यों लटकाई. उधर से सूची मांगी जाती रही लेकिन उन्होंने देरी की और जो दी भी वो आधी अधूरी सूची. शिवराज ने कहा कि अगर किसानों के खाते में सम्मान निधि के पैसे चले जाता तो आपका क्या बिगड़ जाता. शिवराज ने बताया कि हमने उस सूची को सुधारा. जिसके बाद 80 हजार किसान इस योजना से जुड़े. कमलनाथ जी बताएं कि नाम क्यों नहीं जोड़े गए. दूसरा सवाल शिवराज ने किया कि कमलनाथ जी आपने कहा था कि किसानों को उनकी उपज का भुगतान तीन दिन के अंदर किसान जैसा चाहेंगे वैसे किया जाएगा, लेकिन भुगतान बहुत दूर की बात है किसानों का अनाज खराब होने की नौबत आ गई. शिवराज ने कहा कि मैं सवाल इसलिए पूछ रहा हूं क्योंकि लोगों को याद रहे कि कमलनाथ और कांग्रेस झूठ बोलती है. उन्होंने बताया कि विदिशा पीएम किसान सम्मान निधि से हम छह हजार किसानों के खाते में डालते हैं. मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना में चार हजार की राशि दो किश्तो में डालते हैं. दस हजार का हिसाब लगाया जाए तो पांच साल में एक किसान के खाते में 50 हजार रुपए सीधे तौर पर पहुंचता है. छोटे किसानों के लिए तो ये योजना वरदान साबित हुई है.
कमलनाथ का तंज़ सवाल कम पड़ गए थे क्या:कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कि शिवराज जी आज दो सवाल पूछने से पहले यह तो बता देते कि कल सवाल कम पड़ गए थे, यह हिम्मत जवाब दे गई थी. फिर उन्होंने किसानों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मेरा सीधा सवाल है की पीएम सम्मान निधि में लाखों किसानों के पास पैसे वापस करने का नोटिस क्यों आ रहा है? क्या आपने जानबूझकर किसानों को कर्ज के जाल में फंसा देने के लिए यह चाल चली है? क्या इस रकम की रिकवरी किसानों से ना करा कर आप अपनी जेब से करेंगे? कमलनाथ ने किसानों को दिए जाने वाले गेहूं के बोनस का भी मुद्दा उठाया. कमलनाथ ने कहा कि दूसरा सवाल, मैंने किसानों को गेहूं पर ₹160 बोनस दिया था. आपकी सौदेबाजी की सरकार बनते ही आप ने किसानों का बोनस बंद कर दिया. किसानों से आपको इतनी दुश्मनी क्यों है? इसका जवाब मध्य प्रदेश के किसान आप से चाहते हैं?
चुनावी साल लगते ही तेज़ हुई ज़ुबानी जंग:सीएम शिवराज और पूर्व सीएम कमलनाथ के बीच पिछले लंबे वक्त से ज़ुबानी जंग चल रही है. दोनों ही नेता अपनी अपनी सरकार के दौर में जनता से किए गए वादों को मुद्दा बनाकर एक दूसरे पर आरोप लगा रहा हैं. शुरुआत सीएम शिवराज ने की थी और उन्होंने कहा था कि वे लगातार कमलनाथ सरकार से जनता से जुड़े मुद्दे पूछेंगे. 15 महीने की कमलनाथ सरकार का हिसाब मांगेगे. फिर तो एक के बाद एक दोनों किसान से लेकर महिला सम्मान दुग्ध उत्पादक किसानों के मुद्दे उठाते आमने सामने हैं. कांग्रेस ने सीएम शिवराज की ओर से सवाल पूछे जाने को लेकर कहा था कि उल्टी गंगा बह रही है, 19 साल के मुख्यमंत्री 15 महीने की सरकार वाले कमलनाथ से सवाल कर रहे हैं.