भोपाल।चुनावी साल में शिवराज सरकार कर्मचारियों को खुश करने में जुटी हुई है. अभी सरकारी कर्मचारियों को 38 प्रतिशत की महंगाई दर से भत्ता मिल रहा है. आगामी वित्तीय वर्ष में 46 प्रतिशत के हिसाब से बजट में प्रावधान किया जा रहा है. शिवराज सरकार चुनावी वर्ष में अधिकारियों-कर्मचारियों का 8 फीसद महंगाई भत्ता बढ़ाएगी. आगामी वित्तीय वर्ष में 46 फीसद के हिसाब से विभागों को राशि उपलब्ध कराए जाने की पूरी तैयारी की जा रही है. इसी तरह वार्षिक वेतनवृद्धि के लिए 3 प्रतिशत अतिरिक्त राशि विभागों को स्थापना व्यय मद में उपलब्ध कराई जाएगी.
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एमपी बजट का करीब 37 फीसद खर्च होता है वेतन व पेंशन परः प्रदेश सरकार बजट का 36.39 प्रतिशत हिस्सा वेतन-भत्ते और पेंशन पर व्यय कर रही है. इसमें 26.47 प्रतिशत हिस्सा वेतन-भत्ते और 9.92 प्रतिशत पेंशन खर्च का है. पेंशन का खर्च तो घट रहा है, लेकिन आगामी वित्तीय वर्ष में वेतन-भत्ते का व्यय बढ़ जाएगा. वह इसलिए क्योंकि सरकार एक लाख से अधिक रिक्त पदों पर भर्ती करने जा रही है. इनमें से अधिकतर पदों पर अगस्त 2023 तक भर्ती हो जाएगी. यही कारण है कि वित्त विभाग ने सभी विभागों से वेतन-भत्ते में व्यय होने वाली राशि का आकलन करके स्थापना व्यय प्रस्तावित करने के लिए कहा है. इसके लिए सभी विभागों के बजट में प्रविधान किया जाएगा.
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केंद्रीय बजट को लेकर मुख्यमंत्री करेंगे बैठकः बजट को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सभी विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक करने वाले हैं. इसके लिए वित्त विभाग ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और विभागाध्यक्षों को केंद्रीय योजनाओं में प्रदेश को मिलने वाली राशि और नई योजनाओं का लाभ उठाने संबंधी ब्योरा तैयार करने के निर्देश दिए हैं. एक प्रतिशत महंगाई भत्ता और राहत बढ़ाने पर करीब चार सौ करोड़ रुपये का खर्च आता है. वित्त विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक प्रतिशत महंगाई भत्ता व राहत बढ़ाने पर लगभग वार्षिक वित्तीय भार सरकार काफी बढ़ जाता है. कर्मचारियों को अभी 38 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता मिल रहा है तो पेंशनर को 33 प्रतिशत की दर से महंगाई राहत दी जा रही है. प्रदेश में साढ़े सात लाख अधिकारी-कर्मचारी और साढ़े चार लाख पेंशनर हैं.