भोपाल।मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 2023 का चुनावी शंखनाद कर दिया है. पार्टी ने 'अबकी बार 200 पार' का नारा देकर एक प्रकार से संदेश दे दिया कि प्रदेश के किसी भी चेहरे का नाम नहीं होगा. पीएम मोदी ही चुनाव की नैया पार लगाएंगे. सत्ता संगठन में बड़े बदलाव और फेरबदल की अटकलों के बीच बीजेपी गुजरात फार्मूला मध्यप्रदेश में भी लागू करने जा रही है. पार्टी का लक्ष्य 51% वोट बैंक पाने का है.
क्या लागू होगा गुजरात फार्मूला : गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई मंत्रियों और वर्तमान विधायकों के टिकट काटे. मध्यप्रदेश में क्या गुजरात का फार्मूला लागू होगा, इस बारे में पार्टी के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं. पार्टी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि हमने इस बार 51 प्रतिशत वोट बैंक का लक्ष्य रखा है. इसके लिए हमने बूथ को मजबूत करने पर फोकस किया है. गुजरात फार्मूले के सवाल पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि हमारे यहां सामूहिक फैसले होते हैं. ये फैसला हाईकमान करता है.
2018 में शिवराज पर जताया था भरोसा : मध्य प्रदेश बीजेपी ने 2018 में शिवराज के चेहरे पर चुनाव लड़ा था. हालांकि मोदी के चेहरे को पार्टी ने खूब इस्तेमाल किया, लेकिन शिवराज सिंह के नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा. पार्टी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा. पार्टी की आंतरिक बैठकों में ये निष्कर्ष निकाला गया कि कई टिकट ऐसे बांटे गए, जिनमें पार्टी नेता सहमत नही थे, लेकिन शिवराज सिंह ने टिकट बांटे और उनके जिताने की जिम्मेदारी ली. इसलिए इस बार लगभग ये तय है कि इस बार पार्टी शिवराज के चेहरे पर नहीं बल्कि मोदी के चेहरे को आगे करके 200 का नारा बुलंद कर चुनावी मैदान में उतरेगी.
कांग्रेस का वोट प्रतिशत कम, सीटें ज्यादा :2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2013 के मुकाबले 8% बढ़ा और उसे 40 .09 फ़ीसदी वोट मिले तो वहीं बीजेपी को 41% वोट मिले. हालांकि पिछले चुनाव की बात करें तो बीजेपी का वोट प्रतिशत घटा. 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 45 के करीब था तो वहीं 2018 में यह 41% हो गया. बीजेपी को तकरीबन 4% वोट का नुकसान हुआ. यदि कांग्रेस की बात करें तो 2003 में उसे 36.38% वोट मिले, जो 2018 में 40.9 हो गए. कांग्रेस को 4.50 वोट फीसदी का फायदा हुआ.